Modi Cabinet: पीएम मोदी ने यूपी में साधा क्षेत्रीय और जातीय समीकरण,प्रदेश में सीटें घटने के बावजूद दस सांसद बने मंत्री
Modi Cabinet: प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट गठन में क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों का भी पूरा ख्याल रखा है।
Modi Cabinet: लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश मैं एनडीए की सीटें घटने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रदेश का पूरा ख्याल रखा है। प्रधानमंत्री मोदी के अलावा उत्तर प्रदेश के 10 सांसदों को मोदी सरकार में मंत्री बनने का मौका मिला है। इनमें नौ चेहरे उत्तर प्रदेश के हैं। हरदीप पुरी वैसे तो पंजाब के हैं मगर उत्तर प्रदेश से ही राज्यसभा के सदस्य बने हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट गठन में क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों का भी पूरा ख्याल रखा है।
इस बार उत्तर प्रदेश में एनडीए सांसदों की संख्या करीब आधा घटकर 36 पर पहुंच गई है मगर मंत्रियों की संख्या में आठ फ़ीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मोदी सरकार में सबसे ज्यादा चार मंत्री पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बनाए गए हैं जबकि पूर्वांचल से तीन और सेंट्रल यूपी से दो सांसदों को मंत्री बनने का मौका मिला है। पीएम मोदी ने जातीय समीकरण का भी पूरा ध्यान रखा है। मोदी की तीसरी पारी में उत्तर प्रदेश से चार ओबीसी, दो दलित और तीन सवर्ण चेहरों को सरकार में शामिल किया गया है। ओबीसी मंत्रियों में दो अति पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखने वाले हैं।
राजनाथ सिंह की नंबर दो की पोजिशन
मोदी सरकार 3.0 में लखनऊ से लोकसभा चुनाव जीतने वाले सांसद राजनाथ सिंह और राज्यसभा सदस्य हरदीप सिंह पुरी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। राजनाथ सिंह ने रविवार को पीएम मोदी के दरबार दूसरे नंबर पर शपथ ली थी। इस तरह क्षत्रिय समाज से ताल्लुक रखने वाले राजनाथ सिंह की मोदी सरकार में नंबर दो की पोजिशन है।राजनाथ सिंह भाजपा के अध्यक्ष रहने के साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। नरेंद्र मोदी को जब भाजपा ने प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाया था, उस समय राजनाथ सिंह ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।
उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय संतुलन बनाने का प्रयास
रालोद मुखिया जयंत चौधरी को मोदी सरकार में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार का दर्जा मिला है। जयंत चौधरी मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य हैं। जयंत चौधरी के अलावा पीलीभीत से सांसद जितिन प्रसाद, महाराजगंज से सांसद पंकज चौधरी, आगरा से सांसद एसपी सिंह बघेल, गोंडा से सांसद कीर्ति वर्धन सिंह,बांसगांव से सांसद कमलेश पासवान और मिर्जापुर संसदीय सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने वाली अपना दल एस की मुखिया अनुप्रिया पटेल को भी मंत्री बनाया गया है।मंत्री पद के बंटवारे में यूपी में क्षेत्रीय संतुलन बनाने का भी प्रयास किया गया है। मंत्रिमंडल में पश्चिम से पूर्व तक की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से चार, पूर्वी उत्तर प्रदेश से तीन और सेंट्रल यूपी से दो चेहरों को मोदी सरकार में मंत्री बनने का मौका मिला है।
पीएम मोदी ने यूपी में साधा जातीय समीकरण
उत्तर प्रदेश में जातीय समीकरण साधने में भी भाजपा के शीर्ष से नेतृत्व ने काफी मशक्कत की है। अवध क्षेत्र से राजनाथ सिंह के अलावा कीर्ति वर्धन सिंह को मंत्री पद देकर क्षत्रिय समाज की नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया गया है। लोकसभा चुनाव के दौरान क्षत्रिय समाज की नाराजगी के कारण भाजपा को कई लोकसभा क्षेत्रों में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है।पूर्वी उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा तीन सांसद मोदी सरकार का हिस्सा बने हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश से अनुप्रिया पटेल, पंकज चौधरी और कमलेश पासवान को मंत्री बनाकर ओबीसी और दलित समीकरण साधने की कोशिश की गई है।जितिन प्रसाद और बीएल वर्मा को मंत्री पद देकर रुहेलखंड में सवर्ण व पिछड़ों में तालमेल बैठाने का प्रयास किया गया है। एसपी सिंह बघेल को ब्रज क्षेत्र में चर्चित दलित चेहरा माना जाता रहा है और उनके जरिए पीएम मोदी ने दलित समीकरण साधने का प्रयास किया है। बदायूं से ताल्लुक रखने वाले बी एल वर्मा लोध समाज से आते हैं। उनकी ताजपोशी के जरिए लोध समीकरण साधने की कोशिश की गई है।
इस बार आठ फीसदी बढ़ गया प्रतिनिधित्व
2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से एनडीए के 73 सांसद जीते थे जिनमें से 18 को केंद्र सरकार में मंत्री बनने का मौका मिला था। इस तरह 24.5 फीसदी सांसद मंत्री बनने में कामयाब हुए थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से एनडीए के 64 सांसद चुने गए थे जिनमें 13 को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया गया था।2019 में 20 फ़ीसदी सांसद मंत्री बने थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में एनडीए को करारा झटका लगा है और सिर्फ 36 सांसद चुनाव जीतने में कामयाब हुए हैं। 2024 में यूपी से 10 चेहरों को मंत्री बनाया गया है और इस तरह इस बार यूपी का प्रतिनिधित्व बढ़कर 28 फीसदी पर पहुंच गया है।