Lok Sabha Election: राहुल गांधी छोड़ेंगे यह लोकसभा सीट, जाने यहां

Lok Sabha Election:ऐसा माना जा रहा है कि राहुल वायनाड सीट को छोड़कर रायबरेली सीट का ही प्रतिनिधित्व करेंगे। इसके पीछे प्रमुख कारण 2027 का विधानसभा चुनाव है

Report :  Jyotsna Singh
Update: 2024-06-14 06:47 GMT

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लखनऊ। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी ने वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों से जीत हासिल की है। अब इस बात पर अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह किस सीट से इस्तीफा देंगे और किस लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि राहुल वायनाड सीट को छोड़कर रायबरेली सीट का ही प्रतिनिधित्व करेंगे। इसके पीछे प्रमुख कारण 2027 का विधानसभा चुनाव है, जिसे ध्यान में रखते हुए राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में ही बने रहना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश में रहकर कांग्रेस को मजबूत करने और आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी करने के लिए यह निर्णय महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

2024 के लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने जनाधार वापसी की कोशिश में है। इसकी उसे अब गुंजाइश भी दिखने लगी है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को उतर प्रदेश के लोग तरजीह देते हैं। शायद इसीलिए राहुल गांधी अब रायबरेली का प्रतिनिधित्व करना चाह रहे हैं।


जहां तक सोनिया गांधी की बात है तो वह बीमारी एवं अस्वस्थता के कारण लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ीं। इसलिए उन्होंने अपनी सीट बेटे राहुल को दे दी।अब राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस यूपी में तेजी से बढ़ रही है। जबकि प्रियंका गांधी को दक्षिण का सियासी समीकरण ठीक करने के लिए वायनाड से उप चुनाव लड़ाने की तैयारी है। रायबरेली सीट की बात करें तो यह सीट इस बार सोनिया गांधी के चुनाव न लड़ने की वजह से खाली हुई थी। यहां से उम्मीदवार को लेकर पार्टी में काफी मंथन हुआ. आखिरी समय में पार्टी ने राहुल गांधी को यहां से उम्मीदवार बनाया। उनके सामने बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह थे। राहुल गांधी ने दिनेश प्रताप सिंह को 3.90 लाख वोटों से हराकर इस सीट पर जीत दर्ज की थी।मालूम हो कि राहुल गांधी इस चुनाव में रायबरेली के साथ वायनाड से भी चुनाव लड़े और दोनों ही जगह जीते। अब छह माह के अंदर उन्हें एक सीट छोड़नी होगी। कयास यह लगाए जा रहे है कि अमेठी और रायबरेली यूपी के साथ पूर्वोतर राज्यों की कमान संभालेंगे।


रायबरेली में धन्यवाद यात्रा में राहुल गांधी ने दो टूक कहा कि से चुनाव लड़ती तो नरेन्द्र मोदी को पराजय निश्चित होती जबकि उत्तर प्रदेश के पअध्यक्ष अजय राय ने तो प्रियंका गांधी के लिए बनारस से चुनाव लड़ने की गुजारिश भी की थी। राहुल गांधी ने यूपी से आए राजनीतिक परिणामों की तारीफ की है और अपनी टीम को आगे की भूमिका के लिए तैयार खाने के लिए कह दिया है। उन्होंने कहा कि यूपी ने देश की केतको स्पष्ट संदेश दिया है कि यह मनरेंद्र मोदी की नीतियों को पसंद अब नहीं करता है। देश की बदलती राजनीति एसटीसंदेश यूपी से ही जाएगा। अभी औरत को नया विजन देना है।राहुल गांधी के हाल के बयान से भी साफ जाहिर हो रहा है कि वो वायनाड सीट को छोड़ने जा रहे हैं. क्योंकि उत्तर भारत में कांग्रेस कमजोर स्थिति में हैं। खासकर बिहार, यूपी, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की स्थिति ठीक नहीं है। वहीं, इस लोकसभा इलेक्शन की बात की जाए, तो कांग्रेस ने साल 2004 से बाद यूपी में अच्छा प्रदर्शन किया है।


यहां कांग्रेस ने पार्टी ने 6 सीटें जीती हैं. जिसमें इलाहाबाद सीट शामिल है। इस लिहाज से कांग्रेस पार्टी चाहेगी की राहुल गांधी रायबरेली को न छोड़े. पिछले लोकसभा इलेक्शन में यूपी में कांग्रेस पार्टी का जमानत जब्त हो गया था। साल 2019 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी खुद अमेठी सीट से हार गए थे।कहा भी जाता है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है इसीलिए पीएम मोदी को गुजरात से यूपी में आकर चुनाव लड़ना पड़ा। मोदी को 2014 और 2019 में तक यूपी ने ही सता को पहुंचाया है और 2024 किया है। साथ ही यूपी ने देश को कई प्रधानमंत्री दिए, जिन्होंने लंबी पारी खेलते हुए देश में राज किया। पूरी कांग्रेस की भी कोशिश है कि राहुल गांधी रायबरेली सीट को बरकरार रखे।

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