सुप्रीम कोर्ट ने EVM-VVPAT मामले में फैसला रखा सुरक्षित, कहा - आप हर चीज पर अविश्वास नहीं जता सकते

EVM-VVPAT : लोकसभा चुनाव - 2024 के लिए होने वाले पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होगा। मतदान से ठीक एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम (EVM) और वीवीपैट (VVPAT) को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

Written By :  Rajnish Verma
Update:2024-04-18 18:59 IST
सुप्रीम कोर्ट (सोशल मीडिया)

EVM-VVPAT : लोकसभा चुनाव - 2024 के लिए होने वाले पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होगा। मतदान से ठीक एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम (EVM) और वीवीपैट (VVPAT) को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में जज संजीव खन्ना और जज दीपांकर दत्ता की पीठ ने सुनवाई की है। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें हर चीज पर अविश्वास नहीं करना चाहिए।

बता दें कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और अन्य एनजीओ ने ईवीएम (Electronic Voting Machine) के जरिए डाले गए मतों का वीवीपैट (Voter Verifiable Paper Audit Trail) के साथ पूर्ण मिलान की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गईं थी। इसके साथ ही वीवीपैट मशीनों पर पारदर्शी कांच को अपारदर्शी कांच से बदलने के चुनाव आयोग के 2017 के फैसले को पलटने की मांग की थी, जिसके माध्यम से कोई मतदाता सात सेकेंड के लिए अपनी पर्ची देख सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग और याचिकाकर्ताओें की ओर पेश वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है। चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह पेश हुए, उन्होंने बताया कि ईवीएम किस प्रकार काम करती है। वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण और वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायणन पेश हुए थे। 

ईवीएम और वीवीपैट से जुड़ी आशंका दूर करने चुनाव आयोग 

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग से ईवीएम और वीवीपैट सहित अन्य प्रक्रियाओं से जुड़ी सभी आशंकाओं को दूर करने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने उप चुनाव आयुक्त नितेश व्यास से कहा कि आप में ईवीएम और वीवीपैट से जुड़ी प्रक्रिया बताएं और छेड़छाड़ कैसे रोकी जाती है। कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि हम चाहते हैं कि आप या कोई अन्य अधिकारी कोर्ट के अंदर या बाहर के लोगों की आशंकाओं को दूर करना चाहिए, यह एक चुनावी प्रक्रिया है। उन्होंने ईवीएम और वीवीपैट को लेकर किसी को भी कोई आशंका नहीं होनी चाहिए। 

हर चीज पर अविश्वास नहीं कर सकते

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के समय टिप्पणी करते हुए कहा कि हर चीज पर अविश्वास नहीं कर सकते हैं। ईवीएम के हर पहलू पर आलोचनात्मक नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण से कहा कि यदि कोई स्पष्टीकरण दिया गया है तो आपको सराहना भी करनी चाहिए।  

बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने 16 अप्रैल को ईवीएम की आलोचना और मतपत्रों के जरिए चुनाव की लौटने की मांग की निंदा की थी और कहा था कि भारत में चुनावी प्रक्रिया एक "बहुत बड़ा काम" है और "व्यवस्था को खराब करने" का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए।

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