अमिताभ बच्चन की रील लाइफ मां निरूपा राय, ऐसे रखा था हिंदी सिनेमा में कदम

हिंदी सिनेमा में अभिनेत्री निरूपा राय ने अपनी अलग ही पहचान बनाई है। फिल्मों में हमने उन्हें कई बार अमिताभ बच्चन की मां का रोल करते हुए देखा है। फिल्मों में अक्सर निरूपा को दुखी और दुनिया से संघर्ष करते ही देखा गया। आज 4 जनवरी 1931 को निरूपा राय जा जन्म गुजरात में हुआ था।

Update:2021-01-04 11:11 IST
मां के रोल से फेमस हुईं थी निरूपा राय, 15 साल की उम्र ही हुई थी शादी

मुंबई : हिंदी सिनेमा में अभिनेत्री निरूपा राय ने अपनी अलग ही पहचान बनाई है। फिल्मों में हमने उन्हें कई बार अमिताभ बच्चन की मां का रोल करते हुए देखा है। फिल्मों में अक्सर निरूपा को दुखी और दुनिया से संघर्ष करते ही देखा गया। आज 4 जनवरी 1931 को निरूपा राय जा जन्म गुजरात में हुआ था। उनके इस जन्मदिन पर याद करते हुए आइए जानतें उनसे जुड़ी कुछ ख़ास बातें। भले अभिनेत्री निरुपमा आज हमारे बीच नहीं रही लेकिन उनकी एक्टिंग और दमदार मां के रोल ने सभी का दिल जीता है।

200 से ज्यादा फिल्मों में किया काम

अभिनेत्री निरूपा राय हिंदी सिनेमा में 1946 से 1999 तक काफी सक्रिय रही। ज़्यादातर फिल्मों में निरूपा मां के रोल में नज़र आई। उनके मां के रोल ने दर्शकों को कई सीख भी दी। अभिनेत्री ने लगभग 250 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया था।

छोटी उम्र में की शादी

आपको बता दें, कि अपने पूरे करियर के दौरान निरुपा राय ने तीन फिल्मफेयर पुरस्कार जीते, साथ ही एक के लिए नामांकित भी किया गया। वही साल 2004 में अभिनेत्री को फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला। 15 साल की छोटी उम्र में ही निरूपा राय की शादी हो गई थी। वह शादी कर तुरंत मुंबई चली गईं थी । और यही से उनकी किस्मत बदली।

ऐसे मिली पहली फिल्म

1946 में निरूपा रॉय और उनके पति ने अभिनेताओं की तलाश में एक गुजराती पेपर में विज्ञापन का जवाब दिया। जिसमें निरूपा को चुना गया और वही से उनके अभिनय करियर की शुरुआत गुजराती फिल्म रणकदेवी से हुई। फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने हुए उन्होंने अपना नाम बदलकर निरूपा रॉय रख लिया। उनका पूरा नाम कोकिला किशोरचंद्र बुलसरा था।

देवी की छवि में लोगों ने किया पसंद

फ़िल्मी करियर की शुरुआत करने के हुए निरूपा को उसे साल अपनी पहली हिंदी फिल्म अमर राज में अभिनय किया। उनकी लोकप्रिय फिल्मों में से एक दो बीघा ज़मीन (1953) थी। उन्होंने 1940 और 50 के दशक की फिल्मों में बड़े पैमाने पर पौराणिक किरदार निभाए। पौराणिक फिल्मों में देवी का किरदार निभाते हुए उनकी छवि बहुत मजबूत हुई और लोग उनके घर जाते थे और उनका आशीर्वाद मांगते थे। इस दौरान उन्होंने कई बड़े कलाकारों के साथ काम किया जिसमें से उनके सह-कलाकारों में त्रिलोक कपूर थे (जिनके साथ उन्होंने अठारह फ़िल्में की थीं) भारत भूषण, बलराज साहनी और अशोक कुमार थे।

ये भी पढ़ें: महीनों बाद दिखी रिया चक्रवर्ती, भाई के साथ कर रही घर की तलाश

ये फिल्म हुई लोकप्रिय

1970 के दशक में अमिताभ बच्चन और शशि कपूर के साथ माँ के रूप में उनकी भूमिका ने उनके नाम को पीड़ित माँ का पर्याय बना दिया।फिल्म दीवार (1975) में उनकी भूमिका एक माँ और बेटे के रिश्ते को नया रूप दिया। इस फिल्म में अभिनेत्री के डाइलोग काफी फेमस हुए। इस फिल्म को लोग आज भी देखना पसंद करते हैं।

ये भी पढ़ें : किसनों के समर्थन में बॉलीवुड एक्टर धर्मेंद्र, कही इतनी बड़ी बात

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News