Adipurush: 'कुरान पर छोटी सी डॉक्युमेंट्री बनाइए, फिर देखिए..', इलाहाबाद HC ने आदिपुरुष के लिए क्यों कहा 'ब्लंडर'?
Allahabad HC On Adipurush: फिल्म 'आदिपुरुष' के खिलाफ दायर याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कहा, 'भगवान राम, हनुमान और माता सीता को मानने वाले इस फिल्म को देख नहीं पाएंगे।' अदालत ने ये भी कहा, फिल्म प्रोड्यूसर को हाजिर होना ही पड़ेगा।
Allahabad HC On Adipurush: फिल्म 'आदिपुरुष' पर बवाल थमता नजर नहीं आ रहा। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ फिल्म पर दायर याचिका की सुनवाई के दौरान सख्त रुख अख्तियार किए है। 'आदिपुरुष' के खिलाफ याचिका पर बुधवार (28 जून) को तीसरे दिन भी सुनवाई हुई। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सेंसर बोर्ड (Censor Board) पर कड़ी टिप्पणी की। उच्च न्यायालय ने कहा कि, 'इस तरह की फिल्म को पास करना ब्लंडर है। 'कुरान' पर ऐसी छोटी सी डाक्युमेंट्री बनाइए, फिर देखिए क्या होता है?' कोर्ट का इतना ही कहना सार समझा गया।
हाई कोर्ट ने फिल्म पर सख्त नाराजगी जाहिर की। अदालत ने कहा कि, 'भगवान राम (Lord Ram), भगवान हनुमान (Lord Hanuman) और माता सीता को मानने वाले लोग इस फिल्म को देख नहीं पाएंगे। न्यायालय ने साफ शब्दों में कहा कि, फिल्म प्रोड्यूसर को हाजिर होना ही पड़ेगा।'
'प्रोड्यूसर को बुलाना ही पड़ेगा'
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में जस्टिस राजेश सिंह चौहान (Justice Rajesh Singh Chauhan) और जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह (Justice Sri prakash Singh) की बेंच ने आज तीसरे दिन सुनवाई की। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि, 'यह बैक टू बैक चल रहा है। कुछ न कुछ कर रहे हैं। प्रोड्यूसर को बुलाना ही पड़ेगा। अदालत ने डिप्टी एसजीआई से पूछा, 'जिन सीन्स पर विवाद है.. क्या वो फिल्म का हिस्सा हैं या नहीं?'
हाईकोर्ट- अच्छा हुआ कुछ बुरा नहीं हुआ
हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि, 'हमने फिल्म देखी नहीं है, लेकिन जिन्होंने देखी है, उन्होंने गंदा फीडबैक (Feedback on Adipurush) दिया। फिल्म 16 जून को रिलीज हुई। जब तब कुछ नहीं हुआ तो 3 दिन में क्या होगा? लेकिन, हम फिर भी छुट्टी में सुनवाई कर रहे हैं। जो होना था वो हो गया। अच्छा हुआ कुछ बुरा नहीं हुआ। कई लोगों ने अभी तक फिल्म नहीं देखी है।'
कोर्ट ने सेंसर बोर्ड के लिए कहा- 'धन्य' हैं
कहालखनऊ बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा, 'भगवान राम, भगवान हनुमान और माता सीता को मानने वाले लोग इस फिल्म को देख नहीं पाएंगे और आप कह रहे हैं कि संस्कार वाले लोगों (सेंसर बोर्ड) ने इस फिल्म को सर्टिफाई किया है। अदालत ने कहा, जहां रामायण (Ramayana) के बारे में ऐसा दिखाया गया है तो वो लोग धन्य हैं। हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे जो एक्ट के बाहर हो।'
प्रोड्यूसर को ये कंटेंट मिला कहां से?’
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, इस याचिका में जिन भावनाओं की बात की गई है, हम भी मानते हैं कि उनकी भावनाएं आहत हुई हैं। कोर्ट ने पूछा, प्रोड्यूसर (Producer of Adipurush) को यह कंटेंट मिला कहां से? आज हम चुप हो गए तो जानते हैं कि क्या होगा? ये सब बढ़ रहा है। मैंने एक मूवी देखी थी, जिसमें भगवान शंकर त्रिशूल लेकर भाग रहे हैं। उनको फनी दिखाया गया है।अब यही सब होगा क्या? जस्टिस ने फिल्म 'पीके' के सीन का उद्धरण दिया था।
'किसी धर्म के पवित्र ग्रंथ को मत टच करें’
डिप्टी एसजीआई (Deputy SGI) से अदालत ने पूछा, 'ऐसी फिल्म को आप कैसे डिफेंड करेंगे? यह तो ब्लंडर है। मैं इसलिए कहता हूं कि पवित्र ग्रंथ (Holy Scriptures) को टच मत कीजिए। कोर्ट किसी धर्म की नहीं है। सभी लोगों की है। सबके सेंटीमेंट्स को ध्यान रखा जाएगा। जस्टिस बोले, आप लोगों को कुरान-बाइबिल (Quran-Bible) को भी नहीं टच करना चाहिए। मैं ये स्पष्ट कर दूं कि किसी एक धर्म को टच मत करिए। आप लोग किसी भी धर्म के बारे में गलत तरीके से ना दिखाइए।'