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Adipurush Controversy : 'आदिपुरुष' पर इलाहाबाद HC की मेकर्स को फटकार, पूछा- आप अगली पीढ़ी को क्या सिखाना चाहते हैं?

Adipurush Controversy: 'आदिपुरुष' के मेकर्स को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। सेंसर बोर्ड पर भी अदालत ने गुस्सा जाहिर किया। साथ ही, मेकर्स से पूछा 'आप अगली पीढ़ी को क्या सिखाना चाहते हैं?'

Aman Kumar Singh
Published on: 26 Jun 2023 5:59 PM IST (Updated on: 26 Jun 2023 7:42 PM IST)
Adipurush Controversy : आदिपुरुष पर इलाहाबाद HC की मेकर्स को फटकार, पूछा- आप अगली पीढ़ी को क्या सिखाना चाहते हैं?
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'आदिपुरुष' (Social Media)

Allahabad HC On Adipurush: फिल्म 'आदि पुरुष' को लेकर पूरे देश में बवाल मचा है। विवाद के बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ खंडपीठ ने फिल्म मेकर्स को फटकार लगाई। इतना ही उच्च न्यायालय ने सेंसर बोर्ड पर भी अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की। फिल्म 'आदि पुरुष' (Adipurush) को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने मेकर्स से सवाल किया कि 'आप अगली पीढ़ी को क्या सिखाना चाहते हैं?'

हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच जस्टिस राजेश सिंह चौहान (Justice Rajesh Singh Chauhan) और जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह (Justice Shri Prakash Singh) की डिवीजन बेंच ने आदिपुरुष के खिलाफ याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने मेकर्स से फिल्म निर्माण और उनकी सोच पर तल्ख़ टिप्णियां की।

हाईकोर्ट का सेंसर बोर्ड से भी सवाल

हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई के दौरान वकील रंजना अग्निहोत्री (Advocate Ranjana Agnihotri) ने अदालत में बहस के दौरान अपना पक्ष रखा। उन्होंने फ़िल्म में दिखाए गए आपत्तिजनक तथ्यों तथा डायलॉग्स के बारे में हाई कोर्ट को बताया। वहीं, 22 जून को प्रस्तुत संशोधन आवेदन (Amendment Application) को हाई कोर्ट द्वारा स्वीकृत करते हुए सेंसर बोर्ड की तरफ से पेश अधिवक्ता अश्विनी सिंह से उच्च न्यायालय ने पूछा कि, 'क्या करता रहता है सेंसर बोर्ड? सिनेमा समाज का आईना होता है। कोर्ट ने मेकर्स से पूछा, आने वाले पीढ़ियों को क्या सिखाना चाहते हैं? क्या सेंसर बोर्ड अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझता है?'

'धार्मिक ग्रंथों को बख्श दीजिए'

कोर्ट 'आदि पुरुष' विवाद से खासी नाराज नजर आई। वादी पक्ष की वकील रंजना अग्निहोत्री के अनुसार, अदालत का ओरल ऑब्जर्वेशन था कि, 'सिर्फ रामायण (Ramayana) ही नहीं बल्कि पवित्र कुरान (Quran), गुरु ग्रन्थ साहिब (Guru Granth Sahib) और गीता (Gita) जैसे धार्मिक ग्रंथों को तो कम से कम बख्श दीजिए। बाकी जो करते हैं वो तो कर ही रहे हैं।'

प्रतिवादी पक्ष रहे अनुपस्थित, कोर्ट सख्त

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने फ़िल्म के निर्माता, निर्देशक सहित अन्य प्रतिवादी पार्टियों की कोर्ट में अनुपस्थिति पर भी कड़ा रुख दिखाया। वकील रंजना अग्निहोत्री ने सेंसर बोर्ड द्वारा अभी तक जवाब न दाखिल किए जाने पर आपत्ति जाहिर की। साथ ही, अदालत को फ़िल्म आदिपुरुष के आपत्तिजनक तथ्यों से भी अवगत कराया।

फिल्म के कई सीन पर आपत्ति

दरअसल, 'आदिपुरुष; के कई दृश्यों पर आपत्ति जाहिर की गई थी। जैसे- रावण द्वारा चमगादड़ को मांस खिलाए जाने, माता सीता को बिना ब्लाउज दिखाने, काले रंग की लंका दिखाने, चमगादड़ को रावण का वाहन बताए जाने आदि-आदि। मामले में अगली सुनवाई मंगलवार (27 जून) को होगी।



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