हिंदी सिनेमा के महान गीतकार: आज भी दिलों में जिंदा हैं उनके ये गीत, सुनें यहां

बिहारी ने पढ़ाई के दौरान ही प्रेम गीत व कविताएं लिखनी शुरू कर दी थी। गीत और कविता में अपनी रूचि को देखते हुए उन्हें लगा कि फिल्मों में भी गीत लिखा जा सकता है। जिसके बाद वो 1947 में मुंबई आ गए।;

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Update:2021-02-25 16:40 IST
हिंदी सिनेमा के महान गीतकार: आज भी दिलों में जिंदा हैं उनके ये गीत, सुनें यहां
हिंदी सिनेमा के महान गीतकार: आज भी दिलों में जिंदा हैं उनके ये गीत, सुनें यहां
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लखनऊ: ये चांद सा रोशन चेहरा... जुल्फों का रंग सुनहरा... ये गीत आज भी सभी की जुबान पर छाया रहता है। हिंदी सिनेमा को ये सदाबहार गीत नवाजने वाले गीतकार एस.एच बिहारी (शुमसुल हुदा बिहारी) की आज पुण्यतिथि है। बिहारी ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लिए कई अमर गीत लिखे। साथ ही अपने गीतों के जरिए उन्होंने आम आदमी और उसके दर्द को शिद्दत के साथ बयां किया है।

गीतकार के रूप में मिली पहचान

एच. एच बिहारी काफी मृदुभाषी, मिलनसार व हंसमुख व्यक्ति थे। ना केवल गीत बल्कि उन्होंने कई कहानी और डायलॉग भी लिखे। लेकिन सबसे अधिक शोहरत उन्हें एक गीतकार के रूप में ही मिली। बिहार के आरा में जन्में बिहारी का निधन आज ही के दिन सन 1987 में हो गया था।

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एक अच्छे फुटबॉलर भी थे बिहारी

बिहारी ने पढ़ाई के दौरान ही प्रेम गीत व कविताएं लिखनी शुरू कर दी थी। गीत और कविता में अपनी रूचि को देखते हुए उन्हें लगा कि फिल्मों में भी गीत लिखा जा सकता है। जिसके बाद वो 1947 में मुंबई आ गए। इसके अलावा वो एक अच्छे फुटबॉलर भी थे। बिहारी कोलकाता के चर्चित फुटबॉल क्लब मोहन बगान टीम का हिस्सा भी थे और कई मैच भी उन्होंने खेले थे। लेकिन जब उन्हें एक गीतकार के रूप में सफलता मिली तो उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

बिहारी के कुछ मशहूर गीत

एस.एच बिहारी ने दर्जनों अमर गीतों की रचना की, जिसे आज भी लोग याद रखते हैं। आज उनकी पुण्यतिथि के मौके पर हम आपको उनके लिखे कुछ मशहूर गीत सुनाने जा रहे हैं।

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ये चांद सा रोशन चेहरा जुल्फों का रंग सुनहरा

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कजरा मोहब्बत वाला

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आओ हुजूर तुमको सितारों में ले चलूं

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आंखों ही आंखों में इशारा हो गया

न ये चांद होगा न ये तारे रहेंगे जरा

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