पागलों की तरह लड़कियां करती थी काका से प्यार, अपने जमाने के थे वह ऐसे सुपरस्टार
मुंबई: फिल्मों में उनके सपनों की रानी भले ही कोई हीरोइन बनती थी। लेकिन असल जिंदगी में ना जाने कितनी ही लड़कियां उन्हें अपने 'सपनों का राजा' मानती थी। वो जब बड़े पर्दे पर 'ये रेशमी जुल्फें, ये शरबती आंखें' गाते थे, तो ना जाने कितनी ही लड़कियों को अपनी जुल्फों से प्यार हो गया था। हम बात कर रहे हैं अपने जमाने के सुपरस्टार रह चुके राजेश खन्ना की, जिन्होंने हिंदी सिनेमा को अपनी एक्टिंग के बल पर अनोखा मुकाम दिया। बॉलीवुड में उन्हें 'काका' के नाम से जाना जाता था।
उनकी रोमांटिक सूरत इस कदर लड़कियों के दिलों में बसती थी कि उनकी फीमेल फैंस उनकी तस्वीर से शादी कर लेती थी। उन्हें अपने खून से लव लेटर लिखती थी। 29 दिसंबर को राजेश खन्ना की बर्थ एनिवर्सरी है। राजेश खन्ना जी का जन्म अमृतसर में 1942 में हुआ था। इनका असली नाम जतिन खन्ना था। इनका बचपन अपने एक रिश्तेदार के यहां बीता था। कहा जाता है कि राजेश खन्ना की आंखों में एक्टर बनने का ख्वाब बचपन में ही पल गया था।
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राजेश खन्ना ने 1966 में पहली बार चेतन आंनद की फिल्म ‘आखिरी खत’ में काम किया। लेकिन उन्हें कुछ खास सफलता नहीं मिली। लेकिन इसके बाद जब उन्होंने फिल्म 'आराधना' की तो उनके सितारे बुलंदी पर पहुंच गए। इसके बाद राजेश खन्ना ने कभी मुड़कर नहीं देखा कहा जाता है कि लड़कियां उन पर हद से ज्यादा मरती थी। तभी राजेश खन्ना की एक सफ़ेद कार पर अक्सर लिपस्टिक के निशान देखने को मिलते थे। सोते टाइम उनकी तस्वीर रखकर लड़कियां सोती थी। राजेश खन्ना अपने जमाने के सुपरस्टार थे। उनकी पॉपुलैरिटी को देखकर उस टाइम पर लोग कहते थे 'ऊपर आका और नीचे काका'। शर्मिला और मुमताज, जो कि राजेश की पॉपुलैरिटी की गवाह रही हैं, का कहना है कि लड़कियों के बीच राजेश जैसी पॉपुलैरिटी बाद में उन्होंने कभी नहीं देखी।
उनके घर के बाहर डायरेक्टर्स की लाइन लगी रहती थी और उन्हें उनकी मुंहमांगी कीमत पर साइन किया जाता था। हद तो तब हो गई जब एक बार राजेश खन्ना बीमार पड़े। कई सारे डायरेक्टर्स ने उनके हॉस्पिटल में ही अपने रूम सिर्फ इसलिए बुक करवा लिए कि टाइम मिलते ही वह अपनी स्टोरी राजेश खन्ना जी को सुना सकें। उनका खुमार इस कदर युवाओं में था कि वह जो कुछ भी पहनते थे, लोगों के लिए फैशन बन जाता था। लेकिन बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन की एंट्री ने राजेश खन्ना के स्टारडम को थोड़ा हिला दिया था। इसके बावजूद इनके दीवानों में कोई कमी नहीं आई।
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राजेश खन्ना की 'आराधना', 'सच्चा झूठा', 'कटी पतंग', 'हाथी मेरे साथी', 'महबूब की मेहंदी', 'आनंद', 'आन मिलो सजना', 'आपकी कसम' जैसी फिल्मों ने कमाई के नए रिकॉर्ड बनाए। आराधना फिल्म का गाना ‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू...’ उनके कैरियर का सबसे बड़ा हिट गीत रहा। फिल्मों में मिलती लगातार सफलता उनके सिर चढ़कर बोलने लगी वह अक्सर फिल्म सेट पर देर से पहुंचने लगे।
इतना ही नहीं उन्होंने कई ऐसी फ़िल्में भी ठुकराई, जो कि अमिताभ बच्चन के करियर की हिट फ़िल्में साबित हुई। उसके बाद डायरेक्टर्स ने इनसे किनारा करना शुरू कर दिया। एक्ट्रेस अंजू मेहंदू के साथ काका का अफेयर कई सालों तक अफेयर चला, लेकिन बाद में दोनों का ब्रेकअप हो गया। इसके बाद राजेश खन्ना ने अपनी उम्र से आधी उम्र की एक्ट्रेस डिंपल से शादी करके न जाने कितनी लड़कियों के दिल तोड़ दिए। पर यह शादी ज्यादा टाइम तक नहीं चल पाई।
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जब राजेश खन्ना अपनी आंखें झपकाते थे, तो न जाने कितनी ही लड़कियों के दिल पर सांप लोट जाते थे। उनकी फिल्म 'आनंद' उनके करियर की सबसे बेहतरीन फिल्म मानी जाती है। कहा जाता है कि अपने गानों की रिकॉर्डिंग के टाइम खुद भी स्टूडियो में मौजूद रहते थे। राजेश खन्ना की सफलता के पीछे संगीतकार आरडी बर्मन और गायक किशोर कुमार का अहम योगदान रहा। मुमताज और शर्मिला टैगोर के साथ राजेश खन्ना की जोड़ी को काफी पसंद किया गया। मुमताज के साथ उन्होंने 8 सुपरहिट फिल्में दी।
राजीव गांधी के कहने पर राजेश राजनीति में आए। कांग्रेस की तरफ से कुछ चुनाव भी उन्होंने लड़े। जीते भी और हारे भी। काका का कहना था कि वे अपनी जिंदगी से बेहद खुश थे। दोबारा मौका मिला तो वे फिर राजेश खन्ना बनना चाहेंगे और वही गलतियां दोहराएंगे। बॉलीवुड में अपनी जिंदादिली के लिए फेमस राजेश खन्ना को उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर शत शत नमन।
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