सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को दी ये बड़ी राहत, मिली इतने साल की मोहलत

21 नवंबर बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में घाटे से जूझ रहीं टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी मोहलत मिल गई है। प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों को सरकार की ओर से बड़ी राहत मिली है।

Update: 2019-11-21 03:35 GMT

नई दिल्ली: 21 नवंबर बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में घाटे से जूझ रहीं टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी मोहलत मिल गई है। प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों को सरकार की ओर से बड़ी राहत मिली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद कहा कि टेलीकॉम कंपनियों पर बढ़ते वित्तीय दबाव के चलते स्पेक्ट्रम नीलामी की किश्त को दो साल तक के लिए टाल दिया है। वैसे तो, कंपनियों को इस भुगतान पर बनने वाले ब्याज को अदा करना होगा।

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किश्त चुकाने के लिए दो साल का मिला वक्त

कैबिनेट की बैठक में साल 2020-21 और 2021-22 के लिए लंबित स्पेक्ट्रम नीलामी किस्तों के भुगतान के लिए टेलीकॉम कंपनियों को दो साल का टाइम मिल गया है। कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार के इस फैसले से एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो को करीब 42,000 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी।

टेलीकॉम कंपनियां कर्ज में डूबी है

असल में, बुधवार को संसद में दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि टेलीकॉम सेक्टर पर 7।88 लाख करोड़ रुपये का भारी भरकम कर्ज है और यह 31 अगस्त 2017 के आंकड़ों के मुताबिक है। इसमें से भारतीय कर्ज कुल 1.77 लाख करोड़ रुपये, विदेशी कर्ज 83,918 करोड़ रुपये और कुल बैंक/एफआई कर्ज 2.61 लाख करोड़ रुपये है। बैंक गारंटी 50,000 करोड़ रुपये है। दूरसंचार विभाग की डेफर्ड स्पेक्ट्रम लायबिलिटीज 2.95 लाख करोड़ रुपये है। अन्य तीसरे पक्ष की देनदारियां 1।80 लाख करोड़ रुपये हैं। इस तरह से कुल देनदारियां 7.88 लाख करोड़ रुपये की है।

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यह जवाब कौशलेन्द्र कुमार, रमेश चंदर कौशिक, राजीव रंजन सिंह, सौगत राय और एल। एस। तेजस्वी सूर्या के अतारांकित सवाल पर दिया गया। उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार एजीआर लेवी पर ब्याज और जुर्माना माफ करने की योजना बना रही है या नहीं।।

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