लखनऊ: अगर आप डीजल या पेट्रोल वाली कार, एसयूवी या अन्य कोई वाहन खरीदने की सोच रहे हैं तो इस पहलू को भी ध्यान में रखिएगा कि आपकी नई गाड़ी आपका साथ चंद बरस ही दे पाएगी। कारण ये है कि देश में पेट्रोल-डीजल वाहनों का जमाना अब लदने वाला है। नया जमाना ‘ईवी’ यानी इलेक्ट्रिक वाहनों का है। भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में यही होने वाला है।
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मोदी सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में अपने गंभीर इरादे स्पष्टï कर चुकी है। इस बजट में तमाम रियायतों का एलान किया गया है और इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देने का रोडमैप भी तैयार है। सरकार की मंशा को देखते हुए भारत की ऑटोमोबाइल व इस सेक्टर की अन्य कंपनियां अब देश को इलेक्ट्रिक वाहनों का हब बनाने में जुट गई हैं।
हुंडई मोटर की ये है योजना
देश की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी हुंडई मोटर की योजना भारतीय बाजार के लिए सस्ते इलेक्ट्रिक वाहन बनाने की है। इस योजना के तहत कंपनी लीथियम आयन बैटरी बनाने का प्लांट भी लगाने जा रही है। ईवी की सप्लाई चेन बनाने के लिए हुंडई ने कई वेंडरों से बातचीत शुरू कर दी है। इसी तरह टाटा ग्रुप भी तैयारी कर कर रहा है।
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टाटा ग्रुप की टाटा मोटर्स, टाटा पावर और टाटा केमिकल ईवी के विभिन्न पहुलओं पर निवेश कर रहे हैं। हाल ही में टाटा केमिकल लिमिटेड को गुजरात सरकार ने लीथियम आयन बैटरी बनाने का प्लांट लगाने के लिए जमीन एलॉट की है। टाटा पावर लिमिटेड ईवी चार्जिंग के क्षेत्र में उतरने की योजना बना रही है। जबकि टाटा मोटर्स ईवी के निर्माण के लिए अपनी जैगुआर लैंड रोवर यूनिट के साथ मिल कर काम कर रही है।
इस साल लांच होगी इलेक्ट्रिक एसयूवी
देश के कार बाजार में नव आगंतुक ‘एमजी मोटर इंडिया लिमिटेड’ इसी साल इलेक्ट्रिक एसयूवी लॉंच करने जा रहा है। चीन की एसएआईसी मोटर कार्पोरेशन भारत में अपनी ईजेडएस एसयूवी बनाएगी। इसके अलावा इस कंपनी ने देश के पांच शहरों में ५० किलोवाट के फास्ट चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए फिनलैंड की कंपनी ‘फोर्टम’ से करार किया है।
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हीरो इलेक्ट्रिक कंपनी अपनी ईवी निर्माण क्षमता बढ़ा कर ५ लाख यूनिट प्रति वर्ष करने जा रही है। कंपनी ने भांप लिया है कि आने वाले समय में ईवी की मांग बहुत तेजी से बढऩे वाली है। फिलहाल भारत में इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में सबसे आगे महिन्द्रा एंड महिन्द्रा है। कंपनी ने ईवी बनाने के लिए १ हजार करोड़ रुपए लगाए हैं। इसकी यूनिटें महाराष्ट्र व कर्नाटक में लग रही हैं।