रेपर्टवा फेस्ट: हंसी और ठहाकों से गुलज़ार फेस्टिवल का चौथा दिन, देखें PICS...
रेपर्टवा फेस्टिवल के चौथे दिन 'मीट द कास्ट' सत्र में यतीन्द्र मिश्र ने कॉमेडियन गौरव कपूर, अभिनेता मानव कौल, अभिनेत्री सृष्टि, व्हेन चाय मेट टोस्ट बैण्ड के संगीतकारों अश्विन और अच्युत से बात की।
लखनऊ: रेपर्टवा फेस्टिवल के चौथे दिन 'मीट द कास्ट' सत्र में यतीन्द्र मिश्र ने कॉमेडियन गौरव कपूर, अभिनेता मानव कौल, अभिनेत्री सृष्टि, व्हेन चाय मेट टोस्ट बैण्ड के संगीतकारों अश्विन और अच्युत से बात की।
'व्हेन चाय मेट टोस्ट' के सदस्यों ने कहा कि उनके गनों को लोग खुशी के गानों के तौर पर जानते हैं मगर ऐसा नहीं है कि उनके संगीत में दूसरे भाव नहीं हैं। गौरव ने बताया कि अभी चूंकि स्टैण्ड-अप कॉमेडी में ज़्यादा लोग नहीं हैं और अभी ये नया नया मामला है तो इसमें बहुत पैसा है। इतना कि मैने इसे करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी।
म्यूज़िक फेस्ट: अश्विन और अच्युत की जोड़ी ने बिलीव, हू आर यू, फ़ायरफ्लाई, क्लोज़र आदि गाने सुनाकर जनता का दिल जीता। जनता गानों को सुनते हए किसी और ही दुनिया में पहुंच गई थी और इसी वजह से प्रस्तुति को भी बल मिल रहा था।
थिएटर फेस्टिवल: प्रेम कहांनियों को जी लेने के बाद अक्सर हम अफ़सोस करते हैं कि गुज़रे हुए वक़्त को हम दोबारा जी पाते तो ज़िंदगी कुछ अलग होती। चुहल हमारी इसी इच्छा को मंच पर पूरा करता है। शुरूआत में कॉमिकल सा दिखने वाला नाटक अपने चरम पर आता है तो कभी फिल्म तमाशा की याद दिलाता है तो कभी मार्खेज़ की कहांनियों के शिल्प को ताज़ा करता है।
चुहल की कहानी शादी के लिए लड़की देखने के एक पारंपरिक दृष्य से शुरू होती है। लेकिन आगे चलकर हमारी फंतासियों के साथ जुड़ जाती है। नाटक में चुहल ऐसा खेल है जिसमें पात्र अपना व्यक्तित्व बदल लेते हैं और एक दूसरे की मनोस्थितियों को समझने की कोशिश करते हैं।
कॉमेडी फेस्टिवल
- गौरव कपूर ने सड़क यात्राओं, गोवा, माता पिता के व्यवहार पर चुटीला व्यंग्य किया। मीट द कास्ट सत्र में भी उन्होने दर्शकों को हंसाया था मगर यहां तो वो अपने पूरे रंग में दिखे। हालांकि उनकी अदायगी में उतनी रवानी नहीं थी मगर फिर भी उन्होने जनता से एक कनेक्ट बनाया हुआ था। उनको मिली प्रतिक्रिया ने इस बात को बल दिया कि बड़े शहरों के बाद अब छोटे शहरों में भी कॉमेडी का भविष्य उज्ज्वल है।
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