Gujarat: गुजरात में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को दिया बड़ा झटका, सूरत के 6 पार्षद तोड़े
Gujarat: अहमदाबाद स्थित प्रदेश बीजेपी कार्यालय में गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी के नेतृत्व में सूरत से आने वाले आप के 6 पार्षदों ने शुक्रवार देर रात बीजेपी का दामन थामा।
Gujarat: गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने पिछले साल प्रचंड जनादेश के साथ दशकों से चली आ रही अपनी सरकार को बरकरार रखा था। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी भी दमखम के साथ उतरी थी और पार्टी को पांच सीटों पर सफलता मिली थी। जबकि कई सीटों पर वह दूसरे नंबर पर रही थी। आप के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सत्तारूढ़ बीजेपी ने उसके कुनबे में सेंध लगानी शुरू कर दी है। इसी क्रम में सूरत नगर निगम के 6 पार्षदों ने आम आदमी पार्टी छोड़ बीजेपी ज्वाइन कर ली।
अहमदाबाद स्थित प्रदेश बीजेपी कार्यालय में गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी के नेतृत्व में सूरत से आने वाले आप के 6 पार्षदों ने शुक्रवार देर रात बीजेपी का दामन थामा। सांघवी खुद भी सूरत से आते हैं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज देश में आप का असली चेहरा उजागर हो गया है। जिस तरह से आम आदमी पार्टी के लोगों ने गुजरात और देश के लोगों का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, उसे देखते हुए पार्टी के पार्षद अपने वार्डों के विकास का संकल्प लेकर बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
दरअसल, आम आदमी पार्टी के लिए यह बड़ा झटका इसलिए है क्योंकि फरवरी 2021 में सूरत नगर निगम चुनाव में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया था। 120 सीटों वाली नगर निगम में पार्टी को 27 सीटों पर जीत मिली थी, जिसके कारण कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सका था। वहीं बीजेपी ने 93 सीटों पर जीत दर्ज की थी। सूरत में पाटीदारों का आप को भरपूर समर्थन मिला था।
फरवरी 2022 में आप के पांच पार्षदों ने बीजेपी का दामन थामा
लेकिन पार्टी अपने पार्षदों को अपने खेमे में बरकरार नहीं रख सकी। फरवरी 2022 में आप के पांच पार्षदों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था। हालांकि, एक पार्षद वापस पार्टी में शामिल हो गया। जिसके बाद अब 6 पार्षदों ने पार्टी छोड़ी है। इस तरह सूरत नगर निगम में आम आदमी पार्टी के पार्षदों की संख्या घटकर 17 रह गई है। दरअसल, नगर निगम में दलबदल कानून लागू नहीं होता। इसलिए पार्षद आसानी से चुनाव के बाद अपना पाला बदल लेते हैं।
बता दें कि गुजरात में आम आदमी पार्टी के पांच विधायक पहली बार जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। लेकिन पार्टी को नतीजे आने के कुछ दिनों बाद पहला झटका तब लगा जब एक विधायक भूपत भायाणी ने बाहर से बीजेपी सरकार को समर्थन देने का ऐलान कर दिया था। भायाणी बागी होकर आम आदमी पार्टी से बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़े थे।