बच्चों को सिखाएं सेहतमंद चीजें खाना, ताकि बच्चे रहें हेल्दी

Update: 2018-12-28 10:25 GMT
बच्चों को सिखाएं सेहतमंद चीजें खाना, ताकि बच्चे रहें हेल्दी

नई दिल्ली। घर में हमेशा खाने-पीने की ऐसी चीज़ें रखें जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहतमंद भी हो। जंक फ़ूड कम से कम रखें. जब घर में जंक फ़ूड होगा ही नहीं तो बच्चे उनकी ओर कम ही आकर्षित होंग।

बच्चे को पूरे परिवार के साथ डाइनिंग टेबल पर खाना खाने की आदत डलवाएं। बच्चा जिन चीज़ों को खाने में परहेज करता हो उन्हें ख़ुद उसके सामने खाएं। उससे मिलने वाले पोषक तत्वों और अन्य फ़ायदों के बारे में उससे बात करें। थोड़ी-थोड़ी करके उसे हेल्दी चीज़ें खाने के लिए दें। अपनी थाली में से वह चीज़ें उसे चख कर देखने के लिए कहें, जिन्हें खाने में वह ना-नुकुर करता हो।

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अगर बच्चा हरी सब्जियां, फल, दूध आदि से परहेज करता है तो किसी और ढंग से उन्हें यह चीज़ें खाने के लिए दें. जैसे-अगर बच्चा गाजर और पालक की सब्ज़ी नहीं खाना चाहता तो इनके सूप से गुंधे आटे से रोटी बना सकती हैं। गाजर का हलवा बना सकती हैं तो पालक की चटनी बना कर बच्चे को खाने के लिए दे सकती हैं। आंवला, पालक जैसी चीज़ों को उबालकर दाल की ग्रेवी में मैश कर सकती हैं।

खाते समय बच्चे से किसी तरह का शिकवा-शिकायत न करें। इससे बच्चा खाने की टेबल से जल्दी उठने की कोशिश करता है। उन्हें लगता है, सबके साथ खाना खाने का मतलब डांट और तनाव है। वह मनोवैज्ञानिक रूप से परेशान होगा।

दाल-रोटी-चावल की जगह बच्चे पिज़्ज़ा, बर्गर, नूडल्स, चिप्स आदि खाना ज़्यादा पसंद करते हैं। बच्चों को इन्हें वक्त-बेवक्त न खाने दें। दिनभर में एक समय तय करें और उसी समय पर इन चीज़ों को खाने की छूट बच्चे को दें। बाजार से खऱीदने की बजाय आप इन्हें घर पर भी बना सकती हैं। जैसे बाजार के चिप्स खरीदने के बजाय बच्चे को घर पर बने चिप्स तल कर दें। घर पर ही बर्गर और पिज़्ज़ा बनाएं और उन्हें बनाने में ज़्यादा से ज़्यादा हरी सब्जयि़ां शामिल करें।

बच्चों को घर पर बने ड्रिंक पीने की आदत डलवाएं। स्कूल से आने के बाद नींबू पानी पीने के लिए दें। लस्सी, मिल्क शेक, फ्रूट शेक पीने को दें। ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीने की आदत भी बच्चे को डलवाएं।

स्कूल लंच बॉक्स में हर दिन बच्चे को कुछ न कुछ नया खाने के लिए दें। लेकिन जो भी नई डिश बनाएं वह पोषक तत्वों से भरपूर होनी चाहिए। हफ़्ते में एक-दो दिन वह चीज़ें भी टिफिऩ में रखें, जो बच्चे घर पर खाने में परहेज करते हों।

 

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