कोरोना संक्रमण के बाद होने वाली जटिलताओं में फायेदमंद है फिजियोथेरेपी

कोरोना संक्रमण से मुक्त होने बाद शरीर में कई जटिलताएं पैदा होती हैं। इसमें फिजियोथेरेपी मरीज के इलाज में मददगार है।;

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Published By :  Suman Mishra
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Update:2021-05-12 09:13 IST
कोरोना संक्रमण के बाद फायेदमंद है फिजियोथेरेपी

डिजाइन तस्वीर (साभार-सोशल मीडिया)

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लखनऊ : कोरोना विषाणु (  Coronavirus)  के प्रकोप से आज पूरा विश्व परेशान है। कोरोना विषाणु से संक्रमित ( Infection ) होने के बाद लोगों को अमूमन थोड़ा बुखार,गले में खरास,खांसी,कमजोरी होती है,लेकिन यदि यह संक्रमण अधिक हो जाये तो सबसे बड़ी समस्या आती है सांस लेने में,लोगों का दम घुटने लगता है। जिसके कारण संक्रमित मरीज को ऑक्सीजन ( Oxygen) की आवश्यकता पड़ती है,ऐसे मरीजों की स्थिति गंभीर होने पर अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। इस दौरान पल्मोनरी फिजियोथेरेपी ( Physiotherapy ) मरीज के इलाज में काफी कारगर होती है। लेकिन कोरोना विषाणु संक्रमण से मुक्त होने बाद शरीर में कई प्रकार की जटिलतायें पैदा हो जाती हैं।

इन जटिलताओं से निजात दिलाने में फिजियोथेरेपी काफी लाभप्रद साबित हो रही है। यह कहना है एसजीपीजीआई के डा.बृजेश त्रिपाठी का। उन्होंने बताया कि फिजियोथेरेपी शरीर के अंग कमजोर होने या फिर बीमारी के बाद शरीर को काफी हद तक ठीक करने में बहुत कारगर मानी जाती है या यूं कहे की बीमारी के बाद शरीर में होने वाले दुष्परिणाम से बचाने में फिजियोथेरेपी काफी मददगार मानी जाती है।

सांकेतिक तस्वीर (साभार-सोशल मीडिया)

ऐसे करें इलाज

मौजूदा दौर में कोरोना विषाणु से संक्रमित होने के बाद मरीज के शरीर मेें कई प्रकार की दिक्कतें दिखाई पड़ रही है,खास बात यह है कि संक्रमण से मुक्त होने के बाद यह शरीरिक दिक्कतें संक्रमित रहे शख्स को परेशान करने लगती हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के बाद खांसी,कमजोरी व थकावट ज्यादातर लोगों में देखी जा रही है। इसका मु य कारण कोरोना संक्रमण में फेफड़ों का अधिक प्रभावित होना है।

उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण से मुक्त हुये व्यक्ति को फिजियोथेरेपी देने से पहले शरीरिक क्षमता की जांच की जाती है। इसके कुछ मानक है,उस मानके के अनुरूप संक्रमित रहे शख्स के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को जांचा जाता है। उसी हिसाब से कुुछ विशेष तकनीक का इस्तेमाल कर एक फिजियोथेरेपिस्ट संक्रमित रहे शख्स को एक्सरसाइज व शारीरिक गतिबिधियां करने की सलाह देता है। उन्होंने बताया कि यदि सलाह ध्यान दिया जाये तो कई प्रकार की शरीरिक जटिलताओं से बचा जा सकता है।

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