कई बीमारियों की वजह बन सकता है खराब पेट

Update: 2018-06-29 10:44 GMT

लखनऊ : एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि ज्यादातर लोग सर्दी-खांसी के बाद पेट साफ न होने यानी कब्ज की समस्या से परेशान हैं। देश में 22 प्रतिशत वयस्क पेट की बीमारियों से जूझ रहे हैं, जिनमें से 13 फीसदी में कब्ज की समस्या गंभीर है। यह समस्या वयस्कों को ही नहीं बल्कि युवा और प्रौढ़ आबादी में भी लगातार बढ़ती जा रही है। कब्ज की प्रमुख वजह खान-पान में गड़बड़ी और खराब लाइफस्टाइल है। दरअसल हम क्या खा रहे हैं, इसका सीधा असर हमारी पाचन क्रिया पर पड़ता है। अगर हम हैल्दी चीजें खाते हैं तो हमारी पाचन क्रिया भी ठीक रहती है, नहीं तो कब्ज जैसी समस्या खड़ी हो जाती है।

क्यों होती है पेट की समस्या

कई बार कब्ज की समस्या में बहुत कड़ा मल या मल त्यागने में कठिनाई जैसी समस्या आने लगती है। इसकी मुख्य वजह अत्यधिक मात्रा में पानी नहीं पीना, फाइबर की पर्याप्त मात्रा न लेना, एक्टिव लाइफस्टाइल न होना आदि है। दरअसल भोजन में फाइबर या पानी की कमी होने से आंतों में भोजन धीरे-धीरे खिसकता है और बड़ी आंत उसमें से पानी सोखती रहती है जिससे मल धीरे-धीरे कड़ा हो जाता है और मल त्यागने में परेशानी आती है। इसके अलावा मल त्यागने की प्रक्रिया को रोके रहना यानी जब मल त्यागना हो तब शौचालय नहीं जाना भी कब्ज की समस्या को बढ़ाता है।

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पेट खराब होने के लक्षण

पेट में ऐंठन होना, पेट फूलना या जी मिचलाना। मल त्यागने में अत्यधिक जोर लगाना। हमेशा मल त्यागने जैसी स्थिति महसूस करना, लेकिन मल नहीं त्याग पाना। पेट पूरी तरह से खाली न होने का अहसास होते रहना। पेट खराब होने के लक्षण हैं।

दवाइयों से बढ़ती है समस्या

सभी विटामिन से कब्ज की समस्या नहीं होती है, लेकिन कुछ तत्व जैसे कैल्शियम और आयरन से यह समस्या होने की आशंका रहती है। इसके साथ ही थायराइड भी है। इसमें थायरॉइड ग्रंथियां कम एक्टिव होती हैं, जिससे शरीर की मेटाबॉलिक प्रक्रिया धीमी होने लगती है। कुछ दर्द निवारक दवाइयां खासतौर पर नारकोटिक्स कब्ज का कारण होती हैं। स्टडीज में यह बात सामने भी आई है कि एस्पिरिन और आई बुप्रोफिन जैसी दवाइयों का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले लोगों में कब्ज की आशंका ज्यादा होती है।। इन दवाइयों के साथ पेट साफ करने वाली चीजों का भी सेवन करना चाहिए।

कब्ज पर कंट्रोल ऐसे करें

अत्यधिक मात्रा में पानी व अन्य तरल पदार्थों का सेवन करने से मल त्यागने में परेशानी नहीं आती है। दरअसल तरल पदार्थ की पर्याप्त मात्रा होने से मल कड़ा नहीं होता है, जिसे त्यागने में जोर नहीं लगाना पड़ता है। जूस, हर्बल टी, दूध आदि का सेवन करना चाहिए।

दवाइयों के ज्यादा सेवन से बचें

पेट साफ करने वाली दवाइयों के ज्यादा सेवन से बचें। ऐसी दवाइयों का लगातार या अत्यधिक मात्रा में सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। दरअसल ऐसी दवाइयों के लगातार सेवन से हमारे शरीर को भी इनकी आदत पड़ जाती है और ऐसी स्थिति में बिना इनके सेवन से मल त्यागना मुश्किल होने लगता है।

नियमित एक्सरसाइज जरूरी

एक्सरसाइज। कम से कम रोजाना की 15-20 मिनट की वॉक भी इसमें प्रभावी हो सकती है। स्विमिंग, जॉगिंग और योग भी अच्छे विकल्प हैं। कपालभारती, अग्निसार क्रिया, पवनमुक्तासन, धनुरासन, भुजंगासन जैसी योग क्रियाएं भी कब्ज की समस्या से निजात दिलाने में मदद करती है। अल्कोहॉल से बचें। यह पाचन क्रिया को कमजोर करने के साथ ही डिहाइड्रेशन की समस्या को बढ़ाता है और ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को कम करता है।

देसी इलाज

  • त्रिफला चूर्ण गर्म पानी या हल्के गर्म दूध के साथ लें।
  • ईसबगोल की भूसी और त्रिफला मिलाकर भी लिया जा सकता है।
  • रात को सोते समय दूध के साथ अलसी के बीज लेना भी लाभकारी होता है।
  • पित्त युक्त शरीर वालों में कब्ज का मूल कारण शरीर में पित्त की अधिकता से इन्फ्लेमशन होना।

    भोजन में फाइबर का सेवन करना चाहिए।

  • पेट साफ न होने पर शाम के समय थोड़ा भुना चना खाएं।
  • हो सके तो फलों को बिना छिले ही खाना चाहिए।
  • नियमित पपीता खाने से पेट सही होता है।
  • आंवला या आंवले से बना उत्पाद भी पेट के बहुत अच्छा रहता है।
  • गर्मी में बेल का शरबत पीयें। इससे भी लाभ मिलता है।
  • हरे पत्ते वाली सब्जियां भी पेट के लिए ठीक रहती हैं।

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