1993 मुंबई ब्लास्ट केस: 29 मई को सुनाई जाएगी सजा, मुख्य आरोपी आज भी फरार

टाडा की विशेष अदालत ने 1993 में हुए बम ब्लास्ट मामले में सजा की तारीख बढ़ा दी गई है। अब इस मामले पर 29 मई को सजा सुनाई जाएगी।

Update:2017-04-25 16:59 IST

मुंबई: टाडा की विशेष अदालत ने 1993 में हुए बम ब्लास्ट मामले में सजा की तारीख बढ़ा दी गई है। अब इस मामले पर 29 मई को सजा सुनाई जाएगी। इन धमकों ने पूरी मुंबई को हिलाकर रख दिया था। जिनमें 257 लोगों की मौतें हुए थी, और करीबन 713 लोग घायल भी हुए थे। इस मामले में एक आरोपी याकूब मेमन को कोर्ट द्वारा फांसी दी जा चुकी है। वहीं बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त भी अपनी सजा पूरी कर चुके हैं। जो इस वक्त अपनी आने वाली फिल्म भूमि में व्यस्त है।

इस मामले 19 नवंबर 1993 में सीबीआई को सौंपा गया था। वहीं 19 अप्रैल 1995 को मुंबई की टाडा अदालत में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। कोर्ट गैंगस्टर अबु सलेम, मुस्ता दौसा, फिरोज खान, ताहिर मर्चेट, रियाज सिद्दिकी, करीमुल्लाह शेख और अब्दुल कयूम को सजा सुनाएंगे।

इस मामले में 123 आरोपियों में से 12 आरोपियों को निचली अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी। वहीं 20 को उम्रकैद की। जिसमें से दो की मौत हो चुकी है। इसके अलावा इस मामले में 68 लोगों को उम्र कैद से कम की सज़ा सुनाई गई थी, वहीं 23 लोगों को निर्दोष माना गया था।

संजू बाबा को दोषी ठहराया गया था

गैंगस्टर अबू सलेम समेत अन्य आरोपियों ने 1993 मुंबई बम ब्लास्ट से पहले बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त के घर जाकर उन्हें दो एके-47 राइफलें और हथगोले दिए थे। जिसमें संजू बाबा को एक एके-47 राइफल रखने पर दोषी ठहराया गया था और पांच साल की जेल की सजा दी गई थी।

लेकिन साल 2015 में मुंबई में टाडा की विशेष अदालत के सामने अबू सलेम ने अपने बयान में इस बात से इनकार किया था कि उसने संजय दत्त हथियार मुहैया कराए थे। इस मामले में 100 आरोपियों को साल 2006 में दोषी ठहराया गया था। यह 1993 बम ब्लास्ट केस में दूसरा ट्रायल चल रहा था।

अबू सलेम पर लगे थे ये आरोप

1993 के मुंबई सीरियल बम धमाकों के मामले में अबू सलेम के शामिल होने पर मार्च 2006 को विशेष टाडा अदालत ने उसके और उसके सहयोगी रियाज सिद्दीकी के खिलाफ आठ आरोप दायर किए थे। जिसपर हथियार बांटने जैसे आरोप लगे थे। और उसे गिरफ्तार कर उच्च सुरक्षा के बीच मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा गया है। इस मामले की सुनवाई के लिए एक विशेष अदालत गठित की गई। इस सीरियल ब्लास्ट में करीब 27 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था पुलिस ने तकरीबन दस हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की और लगभग 686 गवाहों को पेश किया।

मुख्य आरोपी आज भी फरार

देश की आजादी के बाद कोर्ट में जितने भी केस दर्ज हुए हैं, यह मामले उनमें से सबसे अधिक संगीन और पेचींदा माना जाता है। इस धमाके में मुख्य आरोपी अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम आज भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। जिसे ढूंढने के लिए समय- समय पर कई तहर की रणनीतियों को बनाकर पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह आजतक नाकाम रही।

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