नई दिल्ली: वैसे तो संसद में आए दिन विभिन्न पार्टियों के नेताओं के एक-दूसरे से नोक-झोंक की खबरें आती रहती हैं लेकिन सोमवार को मुलायम सिंह यादव और सुमित्रा महाजन के बीच बहस चर्चा में रहा। यह वाकया शून्यकाल के दौरान देखने को मिला।
मुद्दा सदन की कार्यवाही चलाने को लेकर था। हुआ यूं कि शून्यकाल में वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर नारेबाजी कर रहे थे। इसी दौरान सपा सुप्रीमो खड़े हुए और स्पीकर से कहा, आपसे अगर सदन नहीं संभल रहा, तो हमें बुला लेंती। पलटकर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने जवाब दिया, 'कैसे सदन चलाना है, किसी से सीखने की जरूरत नहीं। मैं नियमों के हिसाब से ही सदन चलाती हूं।'
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और क्या कहा स्पीकर ने ?
-इस दौरान स्पीकर ने कहा, कमेटी तय करती है कि सदन में कब क्या कार्यवाही होगी।
-सदन में उठने वाले मसलों पर किसी दल के क्या विचार या सुझाव हैं यह जानने के लिए राजनीतिक दलों की बैठक बुलाने की व्यवस्था है।
-ऐसे मामलों में सदन के भीतर किसी दल या नेता की मदद लेने की व्यवस्था नहीं है।
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मुलायम नाराज हो गए
-लोकसभा अध्यक्ष ने जब मुलायम की बात हंसी में टालने की कोशिश की तो मुलायम सिंह यादव नाराज हो गए।
-मुलायम बोले, आप हंसी में हमारी बात टाल रही हैं। लोकतंत्र बातचीत से चलता है। हमने बड़े-बड़े स्पीकर देखे हैं।
-उन्होंने सदन की कार्यवाही चलाने के स्पीकर के तौर तरीकों पर सवाल उठाए।
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