बसंत पंचमी आज,शुभ मुहूर्त में करें मां सरस्वती की पूजा

ऋतुओं का राजा कहे जाने वाला मौसम बसंत पंचमी खुशियां लेकर आता हैै सर्दियां सुहावनी होने लगती हैं, खेतों में पीली सरसों लहलहा उठती हैं। पेड़-पौधों में फिर से नई कलियां खिल उठती हैं और हर तरफ सकारात्मक माहौल हो उठता है। इसके साथ ही हर तरफ मां सरस्वती की पूजी की जाएंगी। आज से ही मथुरा में रंगोउत्सव शुरू हो जाता है।

Update:2019-02-09 10:50 IST

ऋतुओं का राजा कहे जाने वाला मौसम बसंत पंचमी खुशियां लेकर आता हैै सर्दियां सुहावनी होने लगती हैं, खेतों में पीली सरसों लहलहा उठती हैं। पेड़-पौधों में फिर से नई कलियां खिल उठती हैं और हर तरफ सकारात्मक माहौल हो उठता है। इसके साथ ही हर तरफ मां सरस्वती की पूजी की जाएंगी। आज से ही मथुरा में रंगोउत्सव शुरू हो जाता है।

यह भी पढ़ें.....सरस्वती पूजा : ज्ञान, प्रेम और श्रद्घा का पर्व है वसंत पंचमी

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। सरस्वती मां ज्ञान और बुद्धि देती हैं।ऐसी मान्यता है कि सरस्वती मां की पूजा करने से आज्ञानी व्यक्ति भी ज्ञानी बन जाता है। इनकी आराधना करने से व्यक्ति को हर प्रकार का ज्ञान, कला, संगीत और वाणी का वरदान मिल जाता है आपको अगर पढ़ाई में दिक्कतें आती हैं या पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की उपासना से लाभ होगा। बसंत पंचमी के दिन राशि अनुसार अलग-अलग रंग की कलम मां सरस्वती को चढ़ाने से विद्या की अधिक प्राप्ति होती है।

यह भी पढ़ें.....कोच्चि यूनिवर्सिटी: उत्तर भारतीय छात्रों को सरस्वती पूजा की नहीं मिली इजाजत

इस दिन कई लोग अपने शिशुओं को पहला अक्षार लिखना सिखाते हैं। ऐसा इसलिए क्‍योंकि इस दिन को लिखने पढ़ने का सबसे उत्‍तम दिन माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करना अनिवार्य है। इस दौरान सरस्वती स्तोत्रम का पाठ किया जाता है।

सरस्वती वंदना-

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला

या शुभ्रवस्त्रावृता

या वीणावरदण्डमण्डितकरा

या श्वेतपद्मासना।

या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता

सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥

यह भी पढ़ें.....सरस्वती पूजा का चंदा मांगने पर बवाल, काशी विद्यापीठ में छात्रों के दो गुट भिड़े

बसंत पंचमी पूजा मुहूर्त: सुबह 6.40 बजे से दोपहर 12.12 बजे तक

पंचमी तिथि प्रारंभ: मघ शुक्ल पंचमी शनिवार 9 फरवरी की दोपहर 12.25 बजे से शुरू

पंचमी तिथि समाप्त: रविवार 10 फरवरी को दोपहर 2.08 बजे तक

यह भी पढ़ें.....सबरीमाला: टूट गई 800 साल पुरानी परंपरा, दो महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश कर की पूजा-अर्चना

पीले रंग का है खास महत्व

बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का खास महत्व है। दरअसल, वसंत ऋतु में सरसों की फसल की वजह से धरती पीली नजर आती है। इसे ध्यान में रखकर इस दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनकर बसंत पंचमी का स्वागत करते हैं। इस द‍िन सूर्य उत्तरायण होता है, जो यह संदेश देता है कि हमें सूर्य की तरह गंभीर और प्रखर बनना चाहिए। बसंत पंचमी के दिन सिर्फ कपड़े ही नहीं बल्कि खाने में भी पीले रंग की चीजें बनायी जाती हैं।

Tags:    

Similar News