लॉकडाउन पर बड़ी खबर, जानिये क्या बोले पीएम नरेंद्र मोदी
असली बात यह है कि क्या विश्व में लॉकडाउन का उपाय पहली बार अपनाया गया है। या इससे पहले भी लॉकडाउन का विकल्प अपनाया गया है और कब कब इस पर अमल हुआ है।
नई दिल्लीः कोरोना संकट को लेकर देश में जारी लॉकडाउन के चलते जबकि आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को छोड़कर पूरा देश घरों में कैद है और लॉकडाउन की निर्धारित अवधि खत्म होने में मात्र तीन दिन शेष रह गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्यों के मुख्यमंत्रियों से ताजा स्थिति और हालात पर चर्चा जारी है लेकिन अब तक जो एक बात निकल कर आई है, वह है कोरोना से बचने का सिर्फ एक ही उपाय है लोग खुद को घरों में बंद रखें और लॉकडाउन की 30 अप्रैल तक आगे बढ़ाया जाए। और राष्ट्रव्यापी ही लागू किया जाए।
बैठक अभी जारी है और जल्द ही अंतिम नतीजा भी आ जाएगा। लेकिन असली बात यह है कि क्या विश्व में लॉकडाउन का उपाय पहली बार अपनाया गया है। या इससे पहले भी लॉकडाउन का विकल्प अपनाया गया है और कब कब इस पर अमल हुआ है।
कब हुआ था पहला लॉकडाउन
मानव के ज्ञात इतिहास में वैश्विक स्तर पर करीब ढाई हजार साल पहले ग्रीस के एथेंस में महामारी फैलने का जिक्र मिलता है, 430 ईसा पूर्व यानी अब से करीब ढाई हजार साल पहले एथेंस में महामारी फैली थी और इस महामारी से एथेंस के करीब 25 प्रतिशत लोग मर गए थे। उस समय भी दहशत में आए लोगों ने घरों से निकलना बंद कर दिया था।
1346-53 के बीच काली मौत नामक एक बीमारी का जिक्र मिलता है। 7.5 से 20 करोड़ के लगभग लोगों की मृत्यु हो गई थी। इसकी शुरूआत 1346 हुई थी। और जब यह बीमारी पहली थी उस समय निश्चय ही आज की तरह लोकतंत्र नहीं था। लोग आजादी का मतलब भी नहीं जानते थे लेकिन उस समय भी लॉकडाउन हुआ था लोगों ने अपने इर्द गिर्द मौतों का मंजर देखकर घऱों से निकलना बंद कर दिया था।
दुनिया में पहले हैजा और प्लेग दो खतरनाक महामारियां रही हैं ये समय समय पर फैलती और गायब होती रही हैं लेकिन जब भी इन महामारियों का प्रकोप होता है लोगों के पास विकल्प सिर्फ एक होता है घरों में रहना।