चुनाव आयोग से मिला BJP प्रतिनिधिमंडल, मतगणना को लेकर रखीं ये 4 मांगें

BJP Delegation Meeting: बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने आज इलेक्शन कमिशन से मुलाकात की और वोटों की गिनती को लेकर 4 मांगें रखीं।

Report :  Aniket Gupta
Update:2024-06-02 22:15 IST

BJP Delegation Meeting: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में आज बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने इलेक्शन कमिशन के मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों से मुलाकात की। इस दौरान भाजपा की तरफ से 4 प्रमुख मांगें उठाई गईं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों से मुलाकात की और 4 अहम कदम उठाने की मांगें उठाईं हैं।

बीजेपी की तरफ से रखी गई ये 4 मांगें

पीयूष गोयल ने कहा कि पहली मांग यह है कि हमने चुनाव आयोग से अपील की है कि मतगणना प्रक्रिया में लगे प्रत्येक अधिकारी निर्धारित प्रक्रिया की छोटी से छोटी जानकारी से पूरी तरह परिचित हों। साथ ही सभी ईसी प्रोटोकॉल के साथ लगन से लगे रहें। दूसरी मांग यह थी कि मतगणना और परिणामों की घोषणा के दौरान चुनावी प्रक्रिया की सुरक्षा सुनिश्चित हो। तीसरी मांग यह रही कि चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करने के व्यवस्थित प्रयासों का संज्ञान लिया जाए। वहीं चौथी मांग यह थी कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इससे पहले, अलग अलग राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल ने आज ही इलेक्शन कमिशन से मुलाकात की थी। उनकी तरफ से कहा गया कि डाक मतपत्र चुनाव परिणाम में अहम भूमिका निभाते रहे हैं, इसलिए पोस्टल बैलट की गणना पहले की जानी जरूरी है।

विपक्ष ने पोस्टल बैलट का उठाया मुद्दा

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने चुनाव आयोग से प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात के बाद निर्वाचन सदन के बाहर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि चुनाव में पोस्टल बैलट की अहम भूमिका होती है जो चुनाव परिणामों को इधर से उधर कर सकते हैं। इससे पहले 2019 में आयोग से आग्रह किया गया था कि पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने से पहले मतपत्रों की गणना का काम खत्म नहीं किया जा सकता है। तब तक चुनाव परिणाम की घोषणा नहीं की जा सकती है। सिंघवी ने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने 2019 के दिशानिर्देशों को बदला है जबकि नियम के अनुसार गाइडलाइन देकर चुनाव आयोग नियमों को बदल नहीं सकता है। उनका कहना था कि कई बार पोस्टल बैलट के आधार पर भी चुनाव परिणाम बदले हैं, इसलिए यह प्रावधान बनाया गया था। कानून के तहत आयोग दिशा निर्देश जारी करके नियम नहीं बदल सकता है।

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