अरे मोहतरमा स्लीपवेल वाला सोना नहीं है, यह है गोल्ड की बात

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आम बजट पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सोने और अन्य बहुमूल्य धातुओं पर सीमा शुल्क 10 से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया। इससे घरेलू बाजार में सोना और आभूषण महंगे होंगे।;

Update:2019-07-05 16:07 IST
अरे मोहतरमा स्लीपवेल वाला सोना नहीं है, यह है गोल्ड की बात
नोटबंदी के ऐलान के बाद साल भर में 25% घटी सोने की मांग
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नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आम बजट पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सोने और अन्य बहुमूल्य धातुओं पर सीमा शुल्क 10 से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया। इससे घरेलू बाजार में सोना और आभूषण महंगे होंगे।

सरकार ने यह प्रस्ताव ऐसे समय किया है जबकि घरेलू आभूषण उद्योग आयात शुल्क में कटौती की मांग कर रहा था। पूर्व में वाणिज्य मंत्रालय भी आयात शुल्क में कटौती की सिफारिश कर चुका है। वित्त वर्ष 2018-19 में मूल्य के हिसाब से सोने का आयात 3 प्रतिशत घटकर 32.8 अरब डॉलर रह गया।

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सोने के आयात में गिरावट से चालू खाते के घाटे (कैड) पर अंकुश रखने में मदद मिलती है। वित्त वर्ष 2017-18 में बहुमूल्य धातुओं का कुल आयात 33.7 अरब डॉलर रहा था। 2016-17 मं यह 27.5 अरब डॉलर और 2015-16 में 31.8 अरब डॉलर था। मात्रा के लिहाज से देखा जाए तो देश ने बीते वित्त वर्ष में 982 टन सोने का आयात किया। वित्त वर्ष 2017-18, 2016-17 और 2015-16 में सोने का आयात क्रमश: 955 टन, 778 टन और 968 टन रहा था।

भारत दुनिया में सोने के सबसे बड़े आयातकों में से एक है। आयात से मुख्य रूप से घरेलू आभूषण उद्योग की जरूरत को पूरा किया जाता है। बीते वित्त वर्ष में रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 5.32 प्रतिशत घटकर 30.96 अरब डॉलर रह गया।

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वित्त वर्ष 2018-19 में देश का चालू खाते का घाटा बढ़कर 57.2 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.1 प्रतिशत हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 1.8 प्रतिशत था। चालू खाते में विदेशी मुद्रा के बाह्य प्रवाह और अंत: प्रवाह का अंतर चालू खाते का घाटा कहलाता है।

भाषा

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