UPSC: पूजा खेडकर विवाद के बाद सरकार सख्त, अब UPSC कैंडिडेट्स का होगा आधार वेरिफिकेशन
UPSC: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI ) ने पहचान सत्यापने के लिए जो भी निर्देश जारी किए हैं उनका भी पालन किया जाएगा।
UPSC: पूजा खेडकर विवाद के बाद केंद्र सरकार ने जालसाजी रोकने के लिए नया कदम उठाया है। सरकार ने बुधवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को उम्मीदवारों के आधार वेरीफिकेशन की अनुमति दे दी है। अब उम्मीदवार की पहचान सत्यापित करने के लिए पंजीकरण, परीक्षा और भर्ती के विभिन्न चरणों के दौरान स्वैच्छिक आधार पर इसका उपयोग किया जा सकेगा। सरकार ने उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करने के लिए आधार से प्रमाणीकरण की अनुमति दे दी है।
पहचान सत्यापन के लिए बड़ा कदम
सरकार का यह कदम इस लिहाज से महत्तवपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि आयोग ने पिछले महीने प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद कर दी थी। साथ ही उन्हें परीक्षा देने से भी प्रतिबंधित कर दिया था। खेडकर पर दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग या ओबीसी (गैर-क्रीमी लेयर) कोटा का दुरुपयोग करने का भी आरोप है। इस अनुमति को लेकर कार्मिक मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की है। इसमें कहा गया है कि यूपीएससी को 'वन टाइम रजिस्ट्रेशन' पोर्टल पर पंजीकरण के समय और परीक्षा/भर्ती परीक्षा के विभिन्न चरणों में अभ्यर्थियों की पहचान के सत्यापन के लिए स्वैच्छिक आधार पर आधार प्रमाणीकरण करने की अनुमति दी जाती है। जिसके लिए हां/नहीं या/और ई-केवाईसी प्रमाणीकरण सुविधा का उपयोग किया जाएगा।'
पालन होंगे UIDAI के नियम
इसके साथ ही अधिसूचना में कहा गया है कि आयोग आधार (वित्तीय और अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवाओं का लक्षित वितरण) अधिनियम, 2016 के तहत बनाए गए नियमों का पालन करेगा। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने पहचान सत्यापने के लिए जो भी निर्देश जारी किए हैं उनका भी पालन किया जाएगा। यूपीएससी ने अपनी परीक्षाओं में जालसाजी रोकने के लिए जून में यह फैसला लिया था। आयोग ने आने वाली परीक्षाओं में एडवांस्ड टेक्नोलॉजी का प्रयोग करेगा। इस फैसले के बाद मेन्स के एग्जाम में छात्रों को चीटिंग करने से रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा।