ATM में बड़ा बदलाव! पैसे निकालते समय ये नियम जरूर जान लें
क्रेडिट-डेबिट कार्ड से पेमेंट करना अब हो जाएगा और भी आसान और ये सब 1 सितम्बर से ही शुरू हो गया है। आरबीआई ने अब अपने बैंकों को कस्टमर्स को क्रेडिट और डेबिट कार्ड के लिए ई-मैंडेट फैसिलिटी देने को कहा है। ये फैसिलिटी छोटे अमाउंट वाले रिकरिंग यानी नियमित तौर पर होने वाले ट्रांजैक्शंस के लिए होगी।
नई दिल्ली: क्रेडिट-डेबिट कार्ड से पेमेंट करना अब हो जाएगा और भी आसान और ये सब 1 सितम्बर से ही शुरू हो गया है। आरबीआई ने अब अपने बैंकों को कस्टमर्स को क्रेडिट और डेबिट कार्ड के लिए ई-मैंडेट फैसिलिटी देने को कहा है। ये फैसिलिटी छोटे अमाउंट वाले रिकरिंग यानी नियमित तौर पर होने वाले ट्रांजैक्शंस के लिए होगी। इस नियम को 1 सितंबर, 2019 से लागू किया गया है। अभी तक तो ये फैसिलिटी बैंक अकाउंट्स के लिए उपलब्ध थी, जिसके तहत अकाउंट होल्डर अपने अकाउंट से एक निर्धारित अमाउंट हर महीने डेबिट होने की परमिशन दे सकता था।
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ई-मैंडेट सुविधा सभी तरह के डेबिट, क्रेडिट और प्रीपेड पेमेंट इन्स्ट्रूमेंट (ऑनलाइन वॉलेट्स भी) के लिए उपलब्ध होगी। RBI के अनुसार, क्रेडिट और डेबिट कार्डहोल्डर किसी भी ट्रांजैक्शन के लिए बैंक को अपना ई-मैंडेट यानी अपना परमिशन दे देंगे, जिसके बाद तयशुदा वक्त पर निर्धारित अमाउंट अकाउंट से डेबिट हो जाएंगे।
इस बात पर ध्यान रहे कि यह सुविधा बस रिकरिंग ट्रांजैक्शन यानी नियमित तौर पर होने वाले ट्रांजैक्शन के लिए उपलब्ध होगी, आप इसे बस एक बार होने वाले किसी ट्रांजैक्शन लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते।
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आपको कैसे करना होगा
अगर आप इस सुविधा का फायदा उठाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए AFA (Additional factor of authentication) के साथ वन-टाइम रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ई-मैंडेट से पहली बार रिकरिंग ट्रांजैक्शन करने पर AFA का वैलिडेशन जरूरी होगी। ई-मैंडेट से रिकरिंग ट्रांजैक्शन भी उन्हीं कार्ड्स के लिए होंगे, जो रजिस्टर्ड हैं और उनसे ऑथेंटिकेशन के बाद पहला ट्रांजैक्शन हो चुका है।