नई दिल्ली: परमाणु हथियारों से लैस बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि 5 के सफल परीक्षण के बाद पड़ोसी देश चीन घबरा गया है। घबराहट साफ देखने को मिल रही है। चीन ने भारत के इस मिसाइल को लेकर यूएन में शिकायत करने की बात कही है। हालांकि, भारत का कहना है परमाणु क्षमताएं किसी देश के खिलाफ नहीं हैं।
सुरक्षा परिषद के 5 स्थाई सदस्यों में चीन भी शामिल है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि भारत परमाणु ले जाने वाली बलिस्टिक मिसाइल बना सकता है या नहीं, इस संबंध में सुरक्षा परिषद के स्पष्ट नियम हैं। चीन के विदेश मंत्रालय ने भारतीय और जापानी मीडिया की उन रिपोर्ट्स पर चिंता जताई जिसमें अग्नि-5 को चीन का काउंटर बताया जा रहा है।
मंगलवार को भारत ने किया था अग्नि-5 का परीक्षण
भारत ने मंगलवार (26 दिसंबर) को स्वदेश में विकसित परमाणु क्षमता से लैस बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-5’ का ओड़िशा तट से दूर व्हीलर द्वीप से सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल 5,000 किमी तक वार करने में सक्षम है। यह मिसाइल अपने साथ न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम है।
रक्षा मामलों के जानकर का कहना है कि ये मिसाइल उत्तरी चीन में लक्ष्यों को भेद सकती है। अग्नि-5 की जद में पाकिस्तान, चीन और यूरोप समेत आधी दुनिया है। अग्नि-5 मिसाइल जब सेना के बेड़े में शामिल हो जाएगा तो भारत इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल रखने वाले सुपर एक्सक्लूसिव क्लब में शामिल हो जाएगा। अभी इस क्लब में अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन हैं।
लंबी दूरी तक मार करने वाला चौथा मिसाइल
-लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम मिसाइल का यह चौथा विकासात्मक और दूसरा कैनिस्टराइज्ड परीक्षण है।
-गौरतलब है कि पहला परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को किया गया था।
-जबकि दूसरा परीक्षण 15 सितंबर 2013, तीसरा 31 दिसंबर 2015 को किया गया था।