कम्पनी कोई सी भी आजकल हर कंपनी में काम ज्यादा और कर्मचारी कम होते हैं। काम के बढ़ते प्रेशर से एम्प्लॉइज मानसिक दबाव में आ जाते हैं और परेशान रहने लगते हैं। जिस कारण कई बार आपस में ही लडऩे या शिकायत करने लगते हैं। उनमें असंतोष होने लगता है। इससे न केवल कर्मचारियों का नुकसान होता है बल्कि कम्पनी का भी लॉस होता है। जानते हैं कि सीनियर मैनेजमेंट किस तरह से अपने एम्प्लॉइज के बर्नआउट को रोक सकता है -
एम्प्लॉई के साथ खड़े हों
हर एम्प्लॉई की अपनी गरिमा, अपने सपने और वैल्यूज होती हैं। जब भी कोई विवाद हो तो पहले आप उससे सहानुभूति रखें। एम्प्लॉई के प्रति सहानुभूति दर्शाना चाहते हैं तो सबसे पहले उसके साथ संवाद स्थापित करें। उसकी बातों को गौर से सुनें। अगर एम्प्लॉई को लगता है कि सीनियर मैनेजमेंट को उसकी परवाह है तो काम की चुनौतियां कम होने लगती हैं। इससे एम्प्लॉई अर्थपूर्ण काम करने लगता है। इससे एम्प्लॉई का तनाव भी काफी कम हो जाता है।
स्किल्स बढ़ाएं
एम्प्लॉइज के जीवन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने पर फोकस करना चाहिए। इसके लिए उन्हें स्किल्ड बनाना चाहिए ताकि वे अपने बेहतर काम को बिना किसी तनाव के कर सकें, इस तरह से प्रक्रिया, सिस्टम और प्रैक्टिस को आसान बनाने की कोशिश करनी चाहिए। टीम की क्षमता बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए कार्यशालाएं आयोजित करवाई जा सकती हैं। उनके लिए ऑफिस से दूर पार्टी भी कर सकते है ताकि उनको शांति मिल सके।
एग्जामपल सेट करें
आप सीनियर है तो आपको अपनी टीम के सदस्यों के सामने खुद का उदाहरण पेश करना चाहिए। आपको यह दिखाना चाहिए कि आप काम को तनाव नहीं बल्कि खेल समझते हैं। आपको यह दिखाना चाहिए। आपको वर्क टाइमिंग और वर्क-लाइफ बैलेंस के अच्छे उदाहरण दर्शाने चाहिए। साथ ही आपको पता लगाना चाहिए कि टीम के एम्प्लॉई कंपनी के बारे में क्या महसूस कर रहे हैं। अगर आपको लगता है कि कम्पनी के कल्चर में कोई कमी है तो इसके लिए प्रबंधन से मिलकर वर्क कल्चर में कुछ बदलाव भी करने चाहिए।
अच्छे टारगेट्स दें
एम्प्लॉइज को मोटिवेट रखने के लिए उनके रोल्स में लगातार चुनौतियां देनी चाहिए। उनको उनकी क्षमता के अनुसार टारगेट्स दें। वास्तविक लक्ष्य तैयार करने को प्रेरित करें। इसमें टीम के अन्य सदस्यों को भी हेल्प करने को कहें। इससे टीम वर्क की भी भावना तैयार होगी। आपको उन्हें लक्ष्य प्राप्त करने की खुशी महसूस करने का माहौल देना चाहिए। इससे तनाव खत्म हो सकता है। कर्मचरियों को नई-नई टेक्निक्स के लिए भी हौसला अफजाई करें।
खुलकर करें प्रशंसा
प्रशंसा हर किसी को अच्छी लगती है चाहे वो कर्मचारी हो या अधिकारी। इसलिए जब भी आपकी टीम बेहतर काम करती है तो टीम मेंबर्स को सफलता के लिए खुल कर प्रशंसा करें। अगर आप थोड़ी मेहनत कर उन्हें बधाई का ईमेल भी भेज सकते हैं। इस तरह के बूस्टअप से आप टीम के एम्प्लॉई को कंपनी के साथ जोडक़र रखते हैं और वह उत्साहित भी रहता है। सीनियर होने के नाते आपको एक बात का हमेशा ध्यान देने की जरूरत होती है कि आप अपने कर्मचारियों की तारीफ सबके सामने करें लेकिन कोई खराबी होने पर कर्मचारी को अकेले में बुलाकर समझाना चाहिए। आपको एम्प्लॉइज की बुराई सबके सामने करने से बचना चाहिए। इससे कर्मचारी की सामाजिक प्रतिष्ठा कम होती है। उसके मन में आपके प्रति अनादर का भाव भी आ सकता है।