Corona Update: खतरनाक कोरोना का असर, आवाज को मार गया लकवा!
Corona Update: मौजूदा मामले में एक 15 वर्षीय लड़की जब कोरोना पॉजिटिव पाई गई उसके तेरह दिन बाद उसे इमरजेंसी में अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़ी क्योंकि वह बोल नहीं पा रही थी।
Corona Update: कोरोना का एक अजीबोगरीब दुष्प्रभाव सामने आया है जिसमें एक लड़की की आवाज़ ही चली गयी। हुआ ये कि एक स्वस्थ किशोरी लड़की ने कोरोना संक्रमण के कुछ दिनों बाद अचानक सांस लेने में परेशानी की शिकायत की। डॉक्टरों के अनुसार, जांच में पता चला कि उस लड़की की वोकल कॉर्ड्स को कोरोना के कारण लकवा मार गया था।
सर्जरी करनी पड़ी
निदान के बाद उस लड़की को एक सर्जिकल ट्रेकियोस्टोमी से गुजरना पड़ा - जिसमें उसकी सांस लेने में सहायता के लिए उसकी श्वास नली में एक छेद बनाया गया जो उसके वॉयस बॉक्स के नीचे था। केस रिपोर्ट के अनुसार, नर्वस सिस्टम पर कोरोना के प्रभाव से दुर्लभ मामलों में वोकल कॉर्ड का लकवा हो सकता है। किसी किशोरी को कोरोना का पता चलने के बाद वोकल कॉर्ड पैरालिसिस से पीड़ित होने का यह पहला मामला है, हालांकि वयस्कों के भी इसी तरह की स्थिति से पीड़ित होने की खबरें पहले मिली हैं।
न्यूरोलॉजिकल समस्याएं
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में आई एंड ईयर के ओटोलरींगोलॉजिस्ट डेनिएल लैरो और क्रिस्टोफर हार्टनिक ने कहा - वायरस में सिरदर्द, दौरे और पेरिफेरल न्यूरोपैथी सहित न्यूरोलॉजिकल जटिलताओं का पता चला है।मौजूदा मामले से पता चलता है कि वोकल कॉर्ड पैरालिसिस वायरस का एक अतिरिक्त न्यूरोपैथिक सीक्वेला हो सकता है।
लक्षणों की जांच
मौजूदा मामले में एक 15 वर्षीय लड़की जब कोरोना पॉजिटिव पाई गई उसके तेरह दिन बाद उसे इमरजेंसी में अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़ी क्योंकि वह बोल नहीं पा रही थी। उसके शुरुआती लक्षण बुखार, कंजेशन और थकान थे, जिनमें पांच दिनों के बाद सुधार हुआ। हालांकि, टेस्ट कराने के नौ दिन बाद उसने कहा कि उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है।इमरजेंसी विभाग के डॉक्टरों द्वारा यह नोट किया गया कि साँस लेते समय उसकी साँसें तेज़ और शोर भरी थीं, जो सांस नली में रुकावट का संकेत देता था, हालाँकि उसका ऑक्सीजन स्तर सामान्य बना हुआ था। उस समय कोरोना सहित श्वसन संक्रमण के लिए परीक्षण नकारात्मक आए। इस लड़की को पहले से ही एंग्जायटी और अस्थमा का इतिहास था, सो अस्थमा के दौरे के संदेह में ब्रोन्कोडायलेटर्स और स्टेरॉयड दिए गए थे, हालांकि इससे कोई फायदा नहीं हुआ।
जांच में पता चला लकवा
ओटोलरींगोलॉजिस्ट द्वारा उसकी वोकल कॉर्ड की जांच की गई और उसे पैराडॉक्सिकल वोकल फोल्ड मोशन (पीवीएफएम) का निदान किया गया, जिसमें जब कोई व्यक्ति सांस लेने की कोशिश करता है तो वोकल कॉर्ड खुलने के बजाय बंद हो जाती है। इस लड़की को स्पीच थेरेपी दी गई हालांकि, उसके लक्षणों में कोई सुधार नहीं हुआ।
ओटोलरींगोलॉजिस्ट द्वारा उसके वोकल कॉर्ड्स की दोबारा जांच की गई और इस बार, लड़की को द्विपक्षीय वोकल कॉर्ड्स पक्षाघात का पता चला, जिसका मतलब था कि उसके दोनों कॉर्ड्स हिल नहीं रहे थे। अपने निष्कर्षों के आधार पर, डॉक्टरों ने कहा कि किशोरी के पिछले कोरोना संक्रमण ने उसके स्वरयंत्र को कमजोर कर दिया होगा और एक तरफ सुन्नता और कमजोरी भी हो सकती है।