बदली व्यवस्था : अब जीएसटी मामलों को देखेंगे केंद्र सरकार के पैनल वकील

Update:2018-01-08 19:32 IST
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इलाहाबाद : केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग के कर संबंधी मामलों के अलावा जीएसटी व सेवा जनित याचिकाओं, जनहित याचिकाओं की नोटिस केंद्र सरकार के अपर सहायक सॉलिसिटर जनरल लेंगे और भारत सरकार के पैनल अधिवक्ता प्रतिवाद करेंगे। कर संबंधी मामलों में केंद्रीय उत्पाद व सीमा शुल्क विभाग के पैनल अधिवक्ताओं द्वारा प्रतिवाद किया जायेगा।

भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय के अपर सचिव एस.आर मिश्र द्वारा इस आशय का आदेश जारी किया गया है। अपर सचिव ने सभी मंत्रालयों व विभागों को उनके अधीन सभी स्वायत्त संस्थाओं, जिनमें भारत संघ भी पक्षकार है, संस्थाओं व सरकार के पैनल अधिवक्ताओं दोनों द्वारा पक्ष रखा जा सकेगा।

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यह व्यवस्था न्यायालयों व अधिकरणों में लागू की गयी है। टैक्स संबंधी मामलों के अलावा अन्य मामले भारत सरकार के पैनल अधिवक्ताओं द्वारा पक्ष रखने की व्यवस्था की गयी है। अभी तक स्वायत्त संस्थाएं अपने पैनल अधिवक्ता से मुकदमों में बहस कराती रही है। जिन याचिकाओं में भारत संघ पक्षकार रहता है, उसे भी उन्हीं के पैनल अधिवक्ता बहस करते थे। रेलवे, केंद्रीय विश्वविद्यालय आदि तमाम स्वायत्त संस्थाएं अपना पैनल अधिवक्ता रखती रही है और केंद्र सरकार के पैनल अधिवक्ता प्रभावी पक्षकार न होने के नाते पक्ष नहीं रखते थे। अब विधि मंत्रालय ने सभी विभागों व मंत्रालयों से कहा है कि वे अपने नियंत्रणाधीन स्वायत्त संस्थाओं, जिन पर उनका प्रशासनिक नियंत्रण है, को निर्देश जारी करने को कहा है।

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सहकारी समितियों में अंतरिम कमेटी नियुक्त करने के प्रावधान को चुनौती, हाईकोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब

इलाहाबाद : सहकारी समितियों में कार्यकाल समाप्ति के बाद अंतरिम कमेटी नियुक्त करने के नये प्रावधान को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है। याचिका दायर कर कहा गया है कि समय से चुनाव न कराकर कार्यकाल समाप्ति के बाद अन्तरिम कमेटी नियुक्त कर सहकारी समितियों के क्रियाकलापों को संचालित करना समितियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रदेश सरकार से तीन सप्ताह में जवाब तलब किया है।

मामले के अनुसार प्रदेश सरकार ने यूपी कोआपरेटिव सोसायटी एक्ट की धारा 29 के 4 (ख) में संशोधन कर सरकारी समितियों के कार्यकाल की समाप्ति के बाद वहां अंतरिम कमेटी अगले चुनाव होने तक काम करने का प्रावधान बनाया है। इस प्रावधान के खिलाफ याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गयी हैं। कहा गया है कि पहले ऐसा कोई कानून नहीं था। इनका कहना है कि इस नये कानून से कोआपरेटिव सोसायटी के प्रबंधन समितियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है।

सम्मान समारोह में बोले आई के चतुर्वेदी अधिवक्ता हितों का रखेंगे पूरा ख्याल

इलाहाबाद : क्रिमिनल लॉ प्रैक्टिसनर्स एसोसिएशन हाईकोर्ट इलाहाबाद (सीएलपीए) की ओर से सोमवार को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद के नवनिर्वाचित अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता इन्द्र कुमार चतुर्वेदी का भव्य स्वागत सीएलपीए चैम्बर में किया गया। क्रिमिनल लॉ प्रैक्टिसनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शरण सिंह ‘पुजारी जी’ और महासचिव अधिवक्ता कमलेश कुमार द्विवेदी ने माल्यार्पण कर नवनिर्वाचित अध्यक्ष आई के चतुर्वेदी का स्वागत एवं अभिनन्दन किया।

स्वागत से अभिभूत हुए हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष आई के चतुर्वेदी ने कहा कि वह अधिवक्ता हितों के लिए तमाम योजनाओं को अधिवक्ताओं के सहयोग से ही क्रियान्वित करायेंगे। अधिवक्ताओं के लिए हाईकोर्ट में बने अस्पताल को उच्चीकृत कराएंगे, आरओ प्लांट की व्यवस्था करायी जाएगी, हाईकोर्ट बार को पूरी तरह से पारदर्शी बनाया जायेगा। बार में हो रही फिजूलखर्ची को रोका जायेगा।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पूर्व की कार्यकारिणी ने बार के रूपयों का बहुत अधिक दुरूपयोग किया है। चतुर्वेदी ने कहा कि अधिवक्ता हितों के लिए वह 11 जनवरी को प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक से मिलेंगे और इससे पूर्व सूबे के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात कर चुके हैं। जिसमें डिप्टी सीएम ने बार एसोसिएशन को सहयोग का आश्वासन दिया है।

 

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