CWG स्टेडियमों के नवीनीकरण की धोखाधड़ी मामले 2 को जेल, 10 लाख रुपए का जुर्माना

एक विशेष अदालत ने 2010 में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल खेलों से पहले दो स्टेडियमों के पुनर्निर्माण में अनियमितताओं से संबंधित मामले में दो लोगों को सजा सुनाई है

Update: 2017-05-25 13:49 GMT

नई दिल्ली: एक विशेष अदालत ने 2010 में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल खेलों से पहले दो स्टेडियमों के पुनर्निर्माण में अनियमितताओं से संबंधित मामले में दो लोगों को 30 माह की सजा सुनाई है। ये जानकारी गुरुवार (25 मई) को अदालत के सुत्रों ने दी है।

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10 लाख रुपए का जुर्माना

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक खास न्यायाधीश अरविंद कुमार ने पिछले सप्ताह दिए गए आदेश में राजा अएदेरी कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन राजा अएदेरी और निदेशक उदय शंकर भट्ट को ढाई साल कारावास और पांच- पांच लाख रुपए जुर्माने के तौर पर देने की सजा सुनाई है। इसके अलावा, अदालत ने राजा अएदेरी की कंपनी को 10 लाख रुपए का जुर्माना देने के लिए कहा है।

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अएदेरी और निदेशक भट्ट को दोषी ठहराया

आठ मई को अदालत ने आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी के विभिन्न आरोपों के तहत शिवाजी स्टेडियम और तालकटोरा स्टेडियम के पुनर्निर्माण में अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में कंपनी, उसके अध्यक्ष अएदेरी और निदेशक भट्ट को दोषी ठहराया था।

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इन लोगों को बरी किया

हालांकि, अदालत ने इस मामले से नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) इंजीनियर आर.एस. ठाकुर और वी.के. गुलाटी को बरी कर दिया था। सीबीआई का आरोप है कि आरोपी ने बेईमानी कर स्टेडियमों के पुनर्निर्माण कार्यो का अनुबंध अएदेरी कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड को देने के लिए प्रेरित किया था और वो भी ये जानने के बावजूद की कंपनी ने इस अनुबंध के योग्य नहीं है।

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आधिकारिक पद का गलत इस्तेमाल

सीबीआई की जांच एजेंसी ने कहा कि इससे सरकार को नुकसान हुआ, क्योंकि 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों से पहले शिवाजी स्टेडियम और तालकटोरा स्टेडियम के पुनर्निर्माण का कार्य एक अनुभवहीन कंपनी को दिया गया।सीबीआई के अनुसार, आरोपी ने अएदेरी कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड को 30 करोड़ रुपये का अनुबंध सौंपने के लिए अपने आधिकारिक पद का गलत इस्तेमाल किया था।

सौजन्य- आईएएनएस

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