एफआरटीओएल और सीपीएल-ए अब ई-जीसीए से हुआ स्वचालित

फ्लाइट रेडियो टेलीफोनी ऑपरेटर्स लाइसेंस (एफआरटीओएल) के साथ कमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल-ए) और इंस्‍ट्रूमेंट रेटिंग अब स्‍वचालित हो गया है। यानी आवेदनकर्ता अब खुद का पंजीकरण करने के बाद अपनी उड़ान का विवरण डीजीसीए के पोर्टल के जरिये विस्‍तार से भर सकेंगे। यह ई-जीसीए के पहले चरण की शुरुआत से संभव हो सका है।

Update:2019-12-30 18:42 IST

नई दिल्ली। फ्लाइट रेडियो टेलीफोनी ऑपरेटर्स लाइसेंस (एफआरटीओएल) के साथ कमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल-ए) और इंस्‍ट्रूमेंट रेटिंग अब स्‍वचालित हो गया है। यानी आवेदनकर्ता अब खुद का पंजीकरण करने के बाद अपनी उड़ान का विवरण डीजीसीए के पोर्टल के जरिये विस्‍तार से भर सकेंगे। यह ई-जीसीए के पहले चरण की शुरुआत से संभव हो सका है।

ऑन लाइन जमा होंगे आवेदन

इसके अलावा चीफ फ्लाइट इंस्‍ट्रक्‍टर /उप मुख्‍य फ्लाइट इंस्‍ट्रक्‍टर द्वारा उड़ान विवरण का सत्‍यापन कर देने के बाद आवेदनकर्ता सीपीएल-ए ऑनलाइन जारी करने के लिए अपने आवेदनों को डीजीसीए के पास ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। आवेदन की जांच होने के बाद डीजीसीए क्‍यूआर कोड के साथ प्‍लास्टिक कार्ड के रूप में लाइसेंस जारी करेगा।

यह सुविधाएं नागर विमानन महानिदेशालय की ई-शासन (ई-जीसीए) की पहले चरण की सेवाओं की शुरुआत के साथ मिलनी शुरू हो गई हैं। ई-जीसीए की शुरुआत सोमवार को नई दिल्‍ली में नागर विमानन मंत्रालय में सचिव प्रदीप सिंह खरौला ने की। इस अवसर पर डीजीसीए और नागर विमानन मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी मौजूद थे। इन सेवाओं की शुरुआत डीजीसीए की नई वेबसाइट ((www.dgca.gov.in)) पर की गई है।

700 महत्वाकांक्षी पायलटों को मिलेगा लाभ

ई-जीसीए के जरिये स्‍वचालित रूप में सीपीएल-ए शुरू करने से लाइसेंसों को जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लाने में मदद मिलेगी और मैन्‍युअल हैंडलिंग और आवेदनों की प्रोसेसिंग खत्‍म हो जाएगी। इसके साथ ही हर वर्ष करीब 700 महत्‍वाकांक्षी पायलटों को लाभ होगा।

सीपीएल-ए जारी करने के अलावा महत्‍वाकांक्षी पायलटों के लिए वर्ग-1 में नवीन चिकित्‍सा आकलन ई-जीसीए के जरिए किया जाएगा। इससे महत्‍वाकांक्षी पायलटों को चिकित्‍सा आकलन प्रमाण पत्र समय से दिया जा सकेगा।

अगले चरणों में डीजीसीए की अन्‍य सेवाएं भी स्‍वचालित हो जाएंगी। ई-जीसीए परियोजना सेवा प्रदाता के रूप में टीसीएस और परियोजना प्रबंधन परामर्शदाता के रूप में पीडब्‍ल्‍यूसी के साथ लागू की जा रही है। डीजीसीए की प्रक्रिया और कामकाज को स्‍वचालित बनाने के लिए इस परियोजना की संकल्‍पना की गई।

सेवा डिलीवरी फ्रेमवर्क होगा मजबूत

यह परियोजना आईटी बुनियादी ढांचे और सेवा डिलीवरी फ्रेमवर्क के लिए मजबूत आधार प्रदान करेगी। परियोजना विभिन्‍न सॉफ्टवेयर एप्‍लीकेशनों, सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ कनेक्टिविटी, सूचना के प्रसार के लिए एक पोर्टल और सुरक्षित माहौल में ऑनलाइन तथा तेजी से सेवा डिलीवरी प्रदान करने के लिए शुरू से अंत तक समाधान उपलब्‍ध कराएगी।

इस परियोजना से डीजीसीए की विभिन्‍न सेवाओं की दक्षता और पारदर्शिता बढ़ेगी तथा डीजीसीए के सभी कार्यों में जवाबदेही सुनिश्चित होगी। ई-जीसीए परियोजना के वर्ष 2020 के अंत तक पूरा होने की संभावना है।

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