क्या आप जानते हैं दिल्ली के खान मार्केट का क्या है, विवाद

दिल्ली की मशहूर खान मार्केट के नाम में बदलाव नहीं किया जाएगा। इस संबंध में खान मार्केट ट्रेडर एसोसिएशन जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री को पत्र लिखकर खान बाजार के नाम में बदलाव का विरोध करेगा।

Update: 2019-05-26 04:47 GMT

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी के इलेक्शन स्पीच में 'खान मार्केट गैंग' का जिक्र करने के बाद से ही बाजार चर्चा का मुद्दा बन गया है। नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उनकी छवि लुटियन दिल्ली या खान मार्केट गिरोह द्वारा नहीं बनाई गई है, बल्कि उनके अपने 45 साल मेहनत और परिश्रम से छवि बनी है।

दिल्ली की मशहूर खान मार्केट के नाम में बदलाव नहीं किया जाएगा। इस संबंध में खान मार्केट ट्रेडर एसोसिएशन जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री को पत्र लिखकर खान बाजार के नाम में बदलाव का विरोध करेगा। खान मार्केट का नाम वाल्मिकी मार्केट करने का कुछ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपील की थी।

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खान मार्केट के व्यापारियों ने भारत के सबसे पुराने और महंगे बाजारों में से एक खान मार्केट के नाम में बदलाव करने के भारतीय जनता पार्टी के सदस्य दीपक तंवर के अनुरोध पर चर्चा करने के लिए शनिवार को एक बैठक की।

खान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव मेहरा ने आजतक से खास बातचीत में कहा, 'हमने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि हम नहीं चाहते इस प्रसिद्ध बाजार का नाम बदले। हम 30 मई के बाद जब नई सरकार शपथ ले लेगी तब प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को पत्र लिखेंगे।'

संजीव मेहरा ने कहा, 'खान मार्केट केवल एक नाम नहीं है। यह एक पहचान है, जिसे 70 वर्षों में बनाया गया है। खान मार्केट अब हमारी भी पहचान का एक हिस्सा है।'

खान मार्केट दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध बाजारों में से एक है। यह बाजार स्थानीय लोगों के साथ-साथ दिल्ली घूमने आए लोगों के लिए बेहद खास और आकर्षक है। इस बाजार की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां हर वक्त भीड़ लगी रहती है, जिसमें अक्सर विदेशी पर्यटक भी दिख जाते हैं।

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यहां खाने-पीने की चीजें भी मिलती हैं। इस बाजार का नाम स्वतंत्रता सेनानी खान अदुल जब्बार खान (खान अब्दुल गदर खान के भाई) के नाम पर रखा गया था।

नरेंद्र मोदी के इलेक्शन स्पीच में 'खान मार्केट गैंग' का जिक्र करने के बाद से ही बाजार चर्चा का मुद्दा बन गया है। नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उनकी छवि लुटियन दिल्ली या खान मार्केट गिरोह द्वारा नहीं बनाई गई है, बल्कि उनके अपने 45 साल मेहनत और परिश्रम से छवि बनी है।

नरेंद्र मोदी के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के एक सदस्य दीपक तंवर ने पीएम मोदी के बयान को काफी गंभीरता से लिया और हाल ही में गृह मंत्री से वाल्मीकि जी के ऐतिहासिक महत्व के कारण खान मार्केट का नाम बदलकर 'वाल्मीकि मार्केट' करने का अनुरोध किया।

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