DRDO ने किया गरुड़ और गरुथमा का सफल परीक्षण, दुश्मनों के करेगा दांत खट्टे

Update:2016-08-21 18:25 IST

नई दिल्ली : डीआरडीओ ने पहली बार लेजर बीम टेक्निक वाले ग्लाइड बम का सफल परीक्षण किया है। राजस्थान के पोकरण फायरिंग रेंज में इसका टेस्ट किया गया जो सफल रहा। गरुड़ और गरुथमा नाम के इस ग्लाइड बम को वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई से दागा गया।

वायुसेना में शामिल को तैयार

-गरुथमा बम की रेंज 100 किमी तो गरुड़ की 30 किमी है।

-गरुथमा का वजन 1000 किलो है।

-दोनों ग्लाइड बमों को साल के अंत तक वायुसेना को दिया जा सकता है।

-गरुड़ व गरुथमा नामक ग्लाइड बम पूरी तरह से स्वदेशी हैं।

-ये इन ग्लाइड बम का तीसरा टेस्ट था।

परीक्षण के दौरान मौजूद थे अधिकारी

-परीक्षण के दौरान डीआरडीओ और वायुसेना के अधिकारी शामिल थे।

-ग्लाइड बम को डीआरडीओ ने पुणे और हैदराबाद की लैब में तैयार किया है।

-साल 2015 में ग्लाइड बम का परीक्षण चांदीपुर रेंज के समुद्र में किया गया था।

पहले भी हुए हैं ऐसे प्रयास

-गौरतलब है कि रक्षा क्षेत्र में भारत दिनोंदिन अपनी स्वदेशी ताकत को बढ़ाता जा रहा है।

-पाकिस्तान की ओर से बढ़ती आतंकी गतिविधियों के मद्देनजर यह काफी अहम है।

-इससे पहले भी रक्षा क्षेत्र में ब्रह्मोस और अग्नि जैसी मिसाइलों के सफल परीक्षण के बाद उन्हें सेना को सौंपा गया था।

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