PM-FM की मुलाकात पर अटकलें, क्या विदेश मंत्रालय का अतिरिक्त भार संभालेंगे जेटली ?

पीएम नरेंद्र मोदी की मंगलवार शाम डिनर के बहाने वित्त मंत्री अरुण जेटली के घर जाकर उनसे अकेले में हुई मुलाकात को लेकर सियासी हल्कों में चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों का कहना है कि जेटली से बातचीत नोटबंदी को लेकर संसद के हंगामे और बैंकों को नए नोट पहुंचाने की चुनौती के अलावा भी एक अहम एजेंडा था।

Update: 2016-11-30 20:23 GMT

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी की मंगलवार शाम डिनर के बहाने वित्त मंत्री अरुण जेटली के घर जाकर उनसे अकेले में हुई मुलाकात को लेकर सियासी हल्कों में चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों का कहना है कि जेटली से बातचीत नोटबंदी को लेकर संसद के हंगामे और बैंकों को नए नोट पहुंचाने की चुनौती के अलावा भी एक अहम एजेंडा था।

अमेरिका में चुनाव के बाद अमेरिकी प्रशासन में हुए बदलाव और नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद विश्व राजनीति और कूटनीति तथा नए समीकरणों को देखते हुए विदेश नीति को लेकर चर्चा भी दोनों नेताओं की वार्ता का अहम एजेंडा था।

पीएम मोदी की मुश्किल यह है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बीमार हैं और आधिकारिक तौर पर वे कूटनीतिक क्षेत्र खास तौर पर अमेरिका में हुए बदलावों को लेकर होम वर्क करने में हेल्थ कारणों से सक्षम नहीं हो पा रही हैं।

बीजेपी के भीतर चर्चा यह है कि विदेश मंत्रालय सुषमा से हटाकर अरुण जेटली को दिया जा सकता है लेकिन जेटली के करीबी सूत्रों का कहना है कि उन्हें अभी पूरी ताकत बजट बनाने में लगानी है। नोटबंदी के बाद बजट बनाना जेटली के लिए कांटो भरा ताज बन गया है।

हालांकि सूत्रों का कहना है कि जेटली को अभी विदेश मंत्रालय की काम चलाऊ जिम्मेदारी दी जा सकती है। बजट पेश होते ही उन्हें स्थायी तौर पर विदेश मंत्रालय तक ही सीमित कर दिया जाएगा।

माना जा रहा है कि वित्त मंत्रालय में आने वाले दिनों में मोदी और भी कई तरह के बदलाव लाना चाहते हैं इसलिए वे जेटली के बजाए किसी अर्थशास्त्री को ही वित्त मंत्रालय में बिठाने के रोडमैप के तहत ही जेटली को धीरे-धीरे वित्त मंत्रालय से रुखसत करने की गुपचुप तैयारियों में लीन हैं। हालांकि अभी संघ परिवार पूरी तरह जेटली के साथ है और चाहता है कि मोदी राज में जेटली को पूरा महत्व मिलता रहे।

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