FriendshipDay2019: 1982 में मिले और बने जिगरी यार, ऐसी है मोदी-शाह की जोड़ी

देश के प्रधानमंत्री और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की दोस्ती ने राजनीतिक क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है। पीएम मोदी और अमित शाह  जैसी जोड़ी शायद ही किसी की है। दोनों एक दूसरे पर जितना भरोसा करते हैं, उतना ही सहयोग करते हैं और समझते भी हैं।

Update:2019-07-31 19:09 IST
आज एक्टर शाहिद कपूर का जन्मदिन है। उन्होंने बॉलीवुड में अपना अलग मुकाम हासिल किया है। शाहिद अपने हर फिल्म में एक नए अंदाज़ में नज़र आते हैं।

नई दिल्ली : देश के प्रधानमंत्री और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की दोस्ती ने राजनीतिक क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है। पीएम मोदी और अमित शाह जैसी जोड़ी शायद ही किसी की है। दोनों एक दूसरे पर जितना भरोसा करते हैं, उतना ही सहयोग करते हैं और समझते भी हैं। शाह हमेशा मोदी की सोच में रंग भरने का काम करते हैं। शाह की राजनीतिक समझ और मोदी की सकारात्मक सोच से दोनों को एक-दूसरें की जरुरत होती है।

मोदी और शाह की जोड़ी दूसरी बार बनी भाजपा सरकार में भी नजर आ रही है। हम आपको बताएंगे कि आखिर मोदी और शाह की दोस्ती कैसी हुई? कैसे उनकी जोड़ी कब बनी? कितना पुराना है दोनों का रिश्ता। राजनीति की इन राहों से गुजरती हुई ये दोस्ती राजनीति की नंबर वन जोड़ी बन गई है।

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यहां से हुई शुरूआत

देश की इस जोड़ी को आपस में जोड़ने वाले धागे का नाम है- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। कहा जाता है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह की पहली मुलाकात 1982 में हुई। ये वो समय था, जब नरेंद्र मोदी अहमदाबाद में आरएसएस के जिला प्रचारक की जिम्मेदारी संभाल रहे थे, तो अमित शाह एबीवीपी से जुड़े और धीरे-धीरे ये रास्ता आगे बढ़ता गया और हम चलते गये।

इसके बाद सन् 1986 में शाह भाजपा युवा मोर्चा में शामिल हुए थे। नरेंद्र मोदी को गुजरात भाजपा में सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। समय का पहिया घूमता रहा।

गांधीनगर लोकसभा सीट पर 1991 के लोकसभा चुनाव में लालकृष्ण आडवाणी के लिए मोदी और शाह ने धुआंधार प्रचार किया।

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इसके बाद बात है सन् 1996 की। गुजरात बीजेपी के सीनियर नेता केशुभाई पटेल से मोदी के रिश्तो में खटास आ गयी थी, लेकिन शाह ने मोदी से अपनी दोस्ती बरकरार रखी।

2001 में मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे तो शाह को मंत्री बनाया। तब उनकी उम्र सिर्फ 37 साल थी। इससे गुजरात की सियासत में बैठे लोगों को मोदी की नजर में शाह की अहमियत का अंदाजा हो गया।

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सन् 2002, 2007 और 2012 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में अमित शाह ने बड़ी भूमिका निभाई। अमित शाह, मोदी के राइटहैंड माने जाते रहे हैं।

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