नोटबंदी के बाद जनवरी-मार्च 2017 तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट घटकर 6.1% रही

सरकार द्वारा बुधवार (31 मई) को जारी आंकड़ों के अनुसार नोटबंदी के बाद मार्च 2017 तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 6.1% रही, जो दिसंबर तिमाही में 7% थी।

Update: 2017-05-31 13:14 GMT

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से बुधवार (31 मई) को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2016-17 में देश की विकास दर 7.1 पर्सेंट रही। 2015-16 की तुलना में यह .8 पर्सेंट की गिरावट है, बीते साल यह आंकड़ा 7.9 पर्सेंट था।

यही नहीं 2016-17 की चौथी तिमाही जनवरी से मार्च के दौरान जीडीपी ग्रोथ महज 6.1 फीसदी पर अटक गई। जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के महज 6.1 पर्सेंट पर सिमटने के बाद भारत का सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था का तमगा भी छिन गया है।

हालांकि, एग्रीकल्चर ग्रोथ 2016-17 की चौथी तिमाही में पिछले साल की तुलना में 1.5 से बढ़कर 5.2 फीसदी पर पहुंच गई।

8 कोर सेक्टर्स की ग्रोथ भी बीते साल के 8.7 फीसदी के मुकाबले 2.5 फीसदी पर आकर ठहर गई है। सबसे तेज गिरावट कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में देखने को मिली है।

बीते साल यह आंकड़ा 6 फीसदी था, जबकि इस साल -3.7 पर्सेंट की बड़ी गिरावट देखने को मिली है। वहीं, मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ 5.1 फीसदी रही है। विशेषज्ञों की मानें तो नोटबंदी के कारण देश के विकास दर में यह बड़ी गिरावट आई है।

पिछले साल अप्रैल में 8 इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टरों- कोयला, क्रूड ऑइल, नैचरल गैस, रिफाइनरी प्रॉडक्ट्स, फर्टिलाइजर, स्टील, सीमेंट और बिजली, की ग्रोथ रेट 8.7 फीसदी थी। लेकिन इस साल यह सिमट कर महज 2.5 फीसदी तक आ गई।

 

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