भारत के रहस्यमयी मंदिर: जो माने जाते हैं सबसे चमत्कारी, आइये जाने इनके बारे में
भारत में असम का कामाख्या मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर को तांत्रिको व अघोड़ियों का गढ़ माना जाता है। इस मंदिर को लेकर कई रहस्मयी बाते सामने आती है।
लखनऊ : भारत में हजारों की संख्या में कई सैकड़ों मंदिर हैं जो अपनी कई खूबियों के लिए जाने जाते हैं। इसके साथ भारत में कई ऐसे रहस्मयी मंदिर भी हैं जिनके रहस्य पूरे देशभर में काफी प्रसिद्ध हैं। जिनका संबन्ध कई रोचक कथाओं से जुड़ा हुआ है। आज भारत के इन्हीं चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर के बारे में जानते हैं।
कामाख्या मंदिर
भारत में असम का कामाख्या मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर को तांत्रिको व अघोड़ियों का गढ़ माना जाता है। इस मंदिर को लेकर कई रहस्मयी बाते सामने आती है। कहा जाता है कि कामाख्या मंदिर में कोई देवी की मूर्ति नहीं दिखाई देती है बल्कि इस मंदिर में माता सती की योनि की पूजा होती है।
माना जाता है कि भगवान शिव का देवी सती के प्रति मोह भंग करने के लिए भगवान विष्णु ने अपने चक्र से देवी सती के 51 भाग किए थे। इस जगह पर देवी सती की योनि गिरी थी। जिस वजह से यहां यह शक्तिपीठ बना। आपको बता दें कि जिस - जिस जगह माता सती का शरीर का भाग गिरा वहां एक शक्तिपीठ बन गया।
केदारनाथ मंदिर
उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ मंदिर जो देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। इस मंदिर के कई रहस्य देश को काफी अचंभित देते हैं। बताया जाता है कि केदारनाथ का यह मंदिर 400 सालों तक बर्फ में दबा रहा। इस केदारनाथ धाम में करीब 22 हजार फुट ऊंचा केदार, 21 हजार 600 फुट ऊंचा खर्चकुंड और 22 हजार 700 फुट ऊंचा भरतकुंड का पहाड़ स्थित है और दूसरी ओर पांच नदियों का संगम स्थित है। इस मंदिर के रहस्य पूरे देश भर में प्रसिद्ध हैं।
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पुरी जगन्नाथ मंदिर
ओडिशा में स्थित पुरी जगन्नाथ मंदिर की कई मान्यताएं पूरे भारत में प्रसिद्ध है। आपको बता दें कि देश का ऐसा अनोखा मंदिर है जिसमें भगवान की मूर्तियां कांड की बनी हुई हैं। इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बालभद्र और उनकी बहन सुभद्रा की मूर्तियां हैं जो लकड़ियों की नक्काशी से बनी हुई है।
कहा जाता है कि जब भगवान विष्णु चारों धाम की यात्रा कर रहे थे तब पुरी में इन्होंने भोजन किया था। मंदिर से जुड़ी कई मान्यता है जब भगवान कृष्ण ने अपनी देह का त्याग किया था तब उनके एक शरीर को छोड़कर सारा शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया था। कहा जाता है भगवान कृष्ण का दिल जिंदा इंसान की तरह धड़कता रहा। आज भी यह दिल भगवान जगन्नाथ की लकड़ियों की मूर्तियों में सुरक्षित है।
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