ISRO ने स्क्रैमजेट इंजन का किया सफल परीक्षण, रूस-अमेरिका के साथ अब कतार में

Update:2016-08-28 13:00 IST

नई दिल्ली: अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण किया। रॉकेट ने सुबह 6 बजे उड़ा भरी। इस रॉकेट के सफल परीक्षण के बाद रॉकेट प्रक्षेपण में आने वाले खर्चों में कमी आएगी। विशेषज्ञों की मानें तो इस सफलता के बाद भारत, रूस और अमेरिका के बाद इस कतार में खड़ा हो गया है।

आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अनुसंधान केंद्र से सुबह छह बजे तीन टन वज़न के साउंडिंग रॉकेट RH-560 सुपरसोनिक कम्बशन रैमजेट ने उड़ान भरी।

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क्या है स्क्रैमजेट इंजन ?

-स्क्रैमजेट इंजन का प्रयोग केवल रॉकेट के वायुमंडलीय चरण के दौरान ही होता है।

-स्क्रैमजेट सुपरसोनिक इंजन है। यह रॉकेट को 5-मैक या उससे ऊपर उड़ने में सहायता देती है।

-यह ईंधन के साथ प्रयोग होने वाले ऑक्सीडाइजर की मात्रा को घटाकर प्रक्षेपण लागत को कम करने में मददगार है।

-इन इंजनों में कोई गतिशील भाग नहीं होता है।

-स्क्रैमजेट इंजन ऑक्सीजन को द्रवित कर सकता है और इसे रॉकेट या जहाज में संग्रहीत कर सकता है।

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क्या होंगे फायदे ?

-इससे रॉकेट का वजन लगभग आधा हो जाएगा।

-हल्का होने से अंतरिक्ष में भारी पैलोड ले जाने में मदद मिलेगी।

-लॉन्चिंग का खर्च कम हो जाएगा।

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