'बागी' शरद यादव पर बड़ी कार्रवाई, JDU ने राज्यसभा में नेता पद से हटाया

Update: 2017-08-12 09:17 GMT

पटना: जदयू के पूर्व अध्यक्ष ओर राज्यसभा में पार्टी के नेता शरद यादव के बगावती सुर को देखते हुए पार्टी ने उनपर बड़ी कार्रवाई की है और उपरी सदन से उनकी सदस्यता खत्म करने के लिए सभापति एवं उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को पत्र सौंपा है।

जनतादल यू ने शरद की जगह आरसीपी सिंह को राज्यसभा में पार्टी का नेता चुना है। अब जदयू की ओर से आरसीपी सिंह राज्यसभा के सदस्य होंगे। जेडीयू ने शरद यादव का साथ देने के लिए अपने महासचिव अरुण श्रीवास्तव को भी उनके पद से हटा दिया है। शरद यादव के साथ अरुण श्रीवास्तव भी तीन दिन के बिहार दौरे पर थे। वो पूरी स्थिति के बारे में रविवार को लखनऊ में संवाददाताओं को जानकारी देंगे।

हो सकते हैं पार्टी से निलंबित

शरद यादव पर यह बड़ी कार्रवाई पार्टी की खिलाफत करने के लिए की गई है। अगर शरद यादव पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं होते हैं तो उन्हें पार्टी से निलंबित भी किया जा सकता है। दूसरी ओर, शरद यादव के बगावती तेवर को देखते हुए पार्टी के अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी साफ कर दिया है कि पूर्व अध्यक्ष अपना फैसला लेने को स्वतंत्र हैं ।

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दे रहे थे अनाप-शनाप बयान

जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने पार्टी के फैसले को सही करार देते हुए कहा, कि 'उनपर कार्रवाई करना जरूरी था। वो बेवजह पार्टी के खिलाफ अनाप-शनाप बयान दे रहे थे। उन्हें अपने पद की गरिमा और पार्टी की शुचिता का भी ख्याल नहीं रहा। दरअसल, वो लालू यादव की भाषा बोलने लगे थे और उनके भ्रष्टाचार में उनका साथ दे रहे थे। एेसे में पार्टी नेतृत्व ने उनपर ये कार्रवाई की है जो बिल्कुल सही है।'

महंगी पड़ेगी कार्रवाई

दूसरी ओर, राजद प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा, कि 'जदयू को शरद यादव पर कार्रवाई करना महंगा पड़ेगा। शरद यादव ने ही नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया था। जदयू के वो संस्थापक सदस्य हैं। उनपर इस तरह की कार्रवाई नीतीश कुमार को महंगी पड़ेगी।'

 

 

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