घर में जबरन घुसे छात्रों के खिलाफ पुलिस में शिकायत नहीं करुंगा: जेएनयू वीसी

दिल्ली स्थित जेएनयू की नई ऐडमिशन पॉलिसी के खिलाफ स्टूडेंट्स यूनियन का अनशन सातवें दिन भी जारी रहा। स्टूडेंट्स ने सातवें दिन वीसी के घर तक मार्च निकाली जिस दौरान काफी हंगामा हुआ।

Update: 2019-03-26 03:26 GMT
फ़ाइल फोटो

नई दिल्ली: दिल्ली स्थित जेएनयू की नई ऐडमिशन पॉलिसी के खिलाफ स्टूडेंट्स यूनियन का अनशन सातवें दिन भी जारी रहा। स्टूडेंट्स ने सातवें दिन वीसी के घर तक मार्च निकाली जिस दौरान काफी हंगामा हुआ। उन्होंने वीसी के घर में घुसने की कोशिश की जिन्हें सुरक्षाकर्मियों ने रोका। हालांकि, वीसी का आरोप है कि स्टूडेंट्स जबरन घर घुस आए और उनकी पत्नी को बंधक बना लिया।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति एम जगदीश कुमार ने कुछ छात्रों पर जबरन घर में घुसने और उनकी पत्नी को बंधक बनाने का आरोप लगाने के एक दिन बाद मंगलवार को कहा कि उन्होंने छात्रों को ‘‘माफ’’ कर दिया है और वह पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराएंगे।

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जेएनयू छात्र संघ के पूर्व संयुक्त सचिव एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेता सौरभ शर्मा ने कुलपति आवास का घेराव करने की घटना को नक्सली हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों ने आवास का गेट कुलपति की मौजूदगी में तोड़ा है। कुलपति की पत्नी का भी घेराव किया।

उन्होंने प्रदर्शन करने वाले छात्रों को शहरी नक्सली करार देते हुए कहा कि उन्होंने कुलपति के आवास में तोड़-फोड़ करने की कोशिश की, यह परिसर में लाल आतंकवाद का असली चेहरा है। वहीं, प्रदर्शन करने वाले छात्रों ने सौरभ शर्मा के आरोपों को गलत बताया है।

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वहीं कुलपति एम जगदीश कुमार ने रात करीब नौ बजे ट्वीट कर कहा कि करीब सौ छात्र मेरे आवास में घुस गए। गेट को तोड़ दिया। मेरी पत्नी घर में अकेली थीं और उन्हें इन छात्रों ने घर के अंदर बंद कर दिया। वह इस घटना से भयभीत हो गई हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

दिल्ली पुलिस के अनुसार सोमवार को जेएनयू के वाइस चांसलर के घर तक लेफ्ट विंग के छात्रों ने एक मार्च आयोजित किया था। छात्र उनके घर तक गए और घर में घुसने की कोशिश की लेकिन सुरक्षा स्टाफ ने उन्हें रोक लिया। अब तक कई विद्यार्थी वापस हॉस्टल चले गए, लेकिन कई अभी वहीं है। स्थिति अब सामान्य है।

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कुमार ने कहा, ‘‘बीती रात जेएनयू में मेरे आवास के सामने छात्रों का हिंसक व्यवहार निंदनीय है लेकिन ना तो मैं और ना ही मेरी पत्नी छात्रों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे। हमने उन्हें माफ कर दिया है। उन्हें शुभकामनाएं देते हैं और उम्मीद करते हैं कि वे सुधरेंगे और भविष्य में ऐसी हरकतें नहीं दोहराएंगे।’’ बहरहाल, जवाहरलाल नेहरू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने कुमार के आरोपों को खारिज कर दिया है।

उसने कहा, ‘‘जेएनयूएसयू कुलपति एम जगदीश कुमार द्वारा फैलाए जा रहे झूठ को सिरे से खारिज करता है। जेएनयूएसयू का छात्र समूह सोमवार को कुलपति के आवास पर इंतजार करने के बाद प्रदर्शन स्थल पर लौट आया जहां अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल चल रही है।’’

वाम छात्र इकाई के एक छात्र ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि छात्रों का एक समूह कुलपति से मिलने गया था लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने छात्रों के साथ कथित तौर पर धक्कामुक्की की। गौरतलब है कि इस अकादमिक सत्र से लागू होने वाली प्रवेश परीक्षा की ऑनलाइन व्यवस्था के खिलाफ परिसर में सात छात्र भूख हड़ताल पर बैठे हैं। पुलिस ने बताया कि परिसर में स्थिति नियंत्रण में है।

(भाषा)

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