पहले कश्मीर से भगाया, अब पंडितों को घाटी में वापस बुला रहा है हिजबुल मुजाहिदीन

Update: 2016-10-19 18:18 GMT

श्रीनगरः 1990 के दशक में हिंसा और खूनखराबे के जरिए डर का माहौल बनाकर आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ने को मजबूर किया था। अब 26 साल बाद वह पंडितों को अपना भाई बताते हुए वापस आने की अपील कर रहा है। ये अपील आतंकी संगठन के स्वयंभू कमांडर जाकिर रशीद बट उर्फ मूसा ने वीडियो मैसेज के जरिए की है। उसने कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा देने की बात भी कही है।

मूसा ने क्या कहा?

मूसा ने अपने वीडियो मैसेज में कश्मीरी पंडितों के लिए कहा है, "हम कश्मीरी पंडितों से गुजारिश करते हैं कि वे घाटी में अपने घर लौट आएं। हम उनकी हिफाजत की जिम्मेदारी लेते हैं।" हिजबुल ने इससे पहले बीते अगस्त में भी कहा था कि कश्मीरी पंडित अगर चाहें तो घाटी लौट सकते हैं, लेकिन पहली बार आतंकी संगठन उनको सुरक्षा देने की बात कर रहा है। बता दें कि कश्मीर में आतंकवाद की वजह से 10 लाख पंडितों को अपना घर छोड़ना पड़ा था।

मूसा ने दिया दूसरे पंडितों का हवाला

हिजबुल के आतंकी मूसा ने अपने मैसेज में कहा है कि कश्मीरी पंडितों को उन पंडितों से सीख लेनी चाहिए, जिन्होंने कभी कश्मीर नहीं छोड़ा। उन पंडितों की क्या किसी ने जान ली? बता दें कि 1990 में कश्मीर के उर्दू अखबारों के जरिए हिजबुल ने सभी कश्मीरी पंडितों को तुरंत घाटी छोड़ने की धमकी दी थी। उसने ये दावा भी किया कि मुसलमानों को निशाना बनाने की साजिश के तहत कश्मीरी पंडितों को घाटी से बाहर किया गया था।

सिखों को भी भड़काया

आतंकी मूसा ने अपने मैसेज में सिखों को भी भड़काया है। उसने कहा है कि पंजाब के ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसा ऑपरेशन सरकार कश्मीर घाटी में भी चलाना चाहती है। उसने कहा है कि इस वजह से हम सिख युवाओं को भी हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल करेंगे। उसने ये दावा भी किया है कि सिख लड़के खुद ही हिजबुल में शामिल होना चाहते हैं। माना जा रहा है कि मूसा का ये मैसेज पाकिस्तान की नई चाल का हिस्सा है।

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