लेफ्ट पार्टियों का बड़ा ऐलान, CAA व NRC के खिलाफ करेंगे ये काम....
नागरिकता कानून और प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ लेफ्ट पार्टियों ने 1 जनवरी से 7 दिन के विरोध प्रदर्शन और 8 जनवरी को आम हड़ताल का ऐलान किया है। इससे पहले लेफ्ट पार्टियों ने ही 19 दिसंबर को नागरिकता कानून के खिलाफ हड़ताल बुलाई थी जिसमें व्यापक हिंसा हुई थी।
नई दिल्ली: नागरिकता कानून और प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ लेफ्ट पार्टियों ने 1 जनवरी से 7 दिन के विरोध प्रदर्शन और 8 जनवरी को आम हड़ताल का ऐलान किया है। इससे पहले लेफ्ट पार्टियों ने ही 19 दिसंबर को नागरिकता कानून के खिलाफ हड़ताल बुलाई थी जिसमें व्यापक हिंसा हुई थी।
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एक संयुक्त बयान में सीपीआई (मार्क्सवादी), सीपीआई और सीपीआई माले (लिबरेशन), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने कहा कि ट्रेड यूनियन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन का एलान किया गया है जिसने 8 जनवरी को आम हड़ताल बुलाई है।
बयान में कहा गया है- वाम दलों ने किसानों और कृषि कार्य से जुड़े संगठनों और सिविल सोसायटी के आंदोलन को समर्थन देने का फैसला किया है जिसके तहत 8 जनवरी को ग्रामीण बंद बुलाया गया है। 8 जनवरी को किसान गांव से बाहर दूध, सब्जी या फिर फल और अनाज लेकर नहीं जायेगा, इसी तरह से बाहर से आवश्यक वस्तुओं को छोड़ कर कुछ भी खरीद कर गांव में लायेगा भी नहीं। देशभर में पूरी तरह ग्रामीण भारत बंद का आयोजन किया जायेगा।
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सीएए, आनआरसी और एनपीआर के साथ-साथ आर्थिक मंदी के कारण लोगों को हो रही समस्या को भी बंद के कारणों में शामिल किया गया है। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने आज यानी गुरुवार को कोलकाता में नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ मार्च निकाला। साथ ही उन्होंने छात्रों से इसके खिलाफ अहिंसक रूप से प्रदर्शन जारी रखने का आह्वान किया। नागरिकता संशोधन बिल को केंद्र सरकार ने शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों से पारित करा लिया। राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद अब नागरिकता संशोधन कानून बन गया है। इसके बाद देशभर के कई शहरों में इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ।