मिजोरम चुनाव-वोटर लिस्ट में अफसर कर रहे गड़बड़ी, चुनाव आयोग में पहुंची शिकायत

Update: 2018-11-01 07:09 GMT

इम्फाल: मिजोरम सरकार पर राज्य की मतदाता सूची में गड़बड़ी करने व चुनाव में सुरक्षा बलों की तैनाती के काम में अनावश्यक हस्तक्षेप का आरोप लगा है। मिजोरम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) एस.बी. शशांक ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि राज्य सरकार मतदाता सूची के संशोधन के काम में सीधा हस्तक्षेप कर रही है। राज्य में 28 नवम्बर को मतदान होना है।

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मिजोरम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस.बी. शशांक ने 29 अक्टूबर को चुनाव आयोग को लिखे पत्र में राज्य के प्रमुख सचिव लालनुनम्वइया चउनगो की ‘सक्रिय भूमिका’ का जिक्र किया है। पत्र में कहा गया है कि चउनगो मतदाता सूची संशोधन तथा केंद्रीय बलों की तैनाती के काम में सरकार के हस्तक्षेप को बढ़ावा दे रहे हैं। पत्र में चेतावनी दी गई है कि चउनगो के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हस्तक्षेप के और बढऩे की आशंका है।

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बताया जाता है कि चुनाव आयोग ने शशांक के पत्र को गंभीरता से लिया है। जब तक मिजोरम में चुनाव का काम खत्म नहीं हो जाता तब तक के लिए चउनगो को उनके मूल कैडर में वापस भेजने पर विचार किया जा रहा है। १९८७ के गुजरात कैडर के आईएएस चउनगो राज्य में गृह व वित्त विभाग के प्रमुख सचिव हैं। गृह मंत्रालय द्वारा अंतर कैडर डेपुटेशन पर वे गुजरात से मिजोरम में तैनात किए गए हैं।

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असल में ये मामला ‘ब्रू’ शरणार्थियों से जुड़ा हुआ है। १९९७ में जातीय हिंसा के बाद हजारों ब्रू आदिवासी मिजोरम छोड़ कर त्रिपुरा में रहने को मजबूर हुए थे। चूंकि ये लोग मिजोरम के मूल निवासी हैं सो इनको मिजोरम में मतदान का अधिकार होना चाहिए। समझा जाता है कि मिजोरम सरकार किसी नए ब्रू अदिवासी का नाम मतदाता सूची में जोडऩा नहीं चाहती है। जबकि चुनाव आयोग ब्रू आदिवासियों को मतदान की सुविधा देने के लिए कई विकल्प सुझा चुकी है।

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