मोदी सरकार का प्रहार: इन 21 अधिकारियों को जबरन किया गया रिटायर
केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में आयकर विभाग (Income Tax) के 21 अधिकारियों को समय से पहले ही सेवानिवृत्ति कर दिया है।
नई दिल्ली: एक बार फिर केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों में शामिल अधिकारियों को समय से पहले सेवानिवृत्ति कर दिया है। केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में आयकर विभाग (Income Tax) के 21 अधिकारियों को समय से पहले ही सेवानिवृत्ति कर दिया है। यह पांचवा मौका है, जब अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है। इसकी जानकारी वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से है।
सूत्रों ने बताया कि, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने मोदी सरकार के कर्मचारियों की सेवा नियमावली के नियम 56 (जे) के तहत, भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों में शामिल जनहित में बी समूह के आयकर विभाग (Income Tax) के 21 अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर भेज दिया है।
85 कर अधिकारी हुए जबरन रिटायर
बता दें कि, इस साल जून के बाद ये 5वां मौका है, जब भ्रष्ट कर अधिकारियों को सेवानिवृत्ति कर दिया गया है। इन 21 अधिकारियों को मिलाकर अब तक 85 कर अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। इनमें 64 उच्चस्तर के अधिकारी भी शामिल थे। 64 उच्चस्तर के अधिकारियों में 12 CBDT के थे। इससे पहले, बीते सितंबर महीने में सरकार ने 15 कर अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृति दी थी।
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सूत्रों ने ये जानकारी दी कि, इस बार जिन अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृति दी गई है, उनमें CBDT के मुंबई कार्यालय के 3 और ठाणे के 2 अधिकारी शामिल हैं। बाकी अधिकारी विशाखापट्नम, हैदराबाद, राजमुंदरी, बिहार के हजारीबाग, महाराष्ट्र में नागपुर, गुजरात के राजकोट, राजस्थान के जोधपुर, माधोपुर तथा बीकानेर और मध्य प्रदेश के इंदौर व भोपाल में कार्यरत थे।
PM मोदी के भाषण के अनुरुप कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी के लाल किले से दिए गए भाषण के अनुरुप ये कार्रवाई की गई है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि, आयकर विभाग में कुछ ऐसे लोग भी हो सकते हैं, जो अपने अधिकारों का गलत प्रयोग करते हैं और साथ ही करदाताओं को बिना किसी वजह परेशान करते हैं। उन्होंने कहा था कि, ये लोग ईमानदार करदाताओं को निशाना बनाते हैं या फिर मामूली या छोटे-मोटे उल्लंघनों को लेकर जरुरत से ज्यादा कार्रवाई करते हैं।
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रिश्वत लेते वक्त पकड़े गए अधिकारी
बता दें कि, जिन अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृति दी गई है, उनमें से ज्यातार अधिकारियों को CBI ने कथित तौर पर रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इनमें से एक अधिकारी को 50 हजार से ज्यादा की रिश्वत लेते वक्त पकड़ा गया था। सूत्रों के मुताबिक, एक अधिकारी के बैंक लॉकर में कथित तौर पर 20 लाख रुपये से अधिक की नकदी प्राप्त की गई थी। वहीं ठाणे में कार्यरत एक अधिकारी ने 40 लाख रुपये की चल और अचल संपत्ति अपने और पत्नी के नाम पर अर्जित की थी।
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