नागालैंड : एनपीएफ के 10 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग

Update:2017-08-05 15:56 IST

कोहिमा : नागालैंड के मुख्यमंत्री टी. आर. जेलियांग ने शनिवार को कहा कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री शुरहोजेली लीजीत्सु के प्रति निष्ठा जताने वाले नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के 10 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष के यहां शुक्रवार को दायर अपनी याचिका में जेलियांग ने कहा है कि 10 विधायकों को दसवीं अनुसूची के अनुच्छेद 2 (1)(बी) के तहत हरहाल में अयोग्य घोषित किया जाए, क्योंकि वे पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए 19 जुलाई को विधानसभा की आपात बैठक से अनुपस्थित थे।

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इन 10 विधायकों में के. पेसेई, वाई. वी. स्वू, सी. साजो, के. नीनू, यिताचू, सी. एल. जॉन, थोंगवांग कोनयक, पी. लोंगोन, आर. तोहनबा और तोरेचू शामिल हैं। ये सभी उस दिन विधानसभा से अनुपस्थित थे।

जेलियांग ने कहा कि एनपीएफ के 10 विधायक सदन की बैठक से पूरी तरह अवगत थे, और वे अनिवार्य रूप से सदन में 19 जुलाई को उपस्थित होने वाले थे, क्योंकि उन्हें इस बारे में समुचित तरीके से सूचित किया गया था।

जेलियांग ने कहा, "लेकिन एनपीएफ के इन 10 विधायकों ने 18 जुलाई को एनपीएफ के व्हिप के रूप में उनके द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देश के विपरीत कार्य किया, इसके साथ ही एनपीएफ विधायक कियानिली पेसेयी द्वारा जारी सूचना का भी उल्लंघन किया।"

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जेलियांग के 19 जुलाई को दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद से एनपीएफ एक गंभीर अंदरूनी संकट का सामना कर रहा है। जेलियांग को एनपीएफ के 36 विधायकों, भाजपा के चार विधायकों और सात निर्दलीयों का समर्थन प्राप्त है।

लीजीत्सु के नेतृत्व वाले एनपीएफ के धड़े ने अपने 20 विधायकों को निष्कासित कर दिया है और 10 अन्य को निलंबित कर दिया है। ये सभी उनकी सरकार को गिराने और पार्टी संविधान का उल्लंघन करने में लिप्त रहे थे।

मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद सबसे पहले जेलियांग को एनपीएफ से छह साल के लिए निष्कासित किया गया था।

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