EVM विवाद: चुनाव आयोग की खुली चुनौती, कहा- आएं, छेड़छाड़ कर दिखाएं

Update: 2017-04-12 14:24 GMT

नई दिल्ली: चुनाव के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप लगाने वाले नेताओं और दलों को अब चुनाव आयोग ने चैलेंज दिया है। चुनाव आयोग ने ईवीएम की सुरक्षा का दावा करते हुए कहा कि मई के पहले हफ्ते से लेकर 10 मई के बीच कोई भी उनकी इन मशीनों को हैक करके दिखाए। प्राप्त सूचना के मुताबिक, चुनाव आयोग इस दौरान ईवीएम में टैंपरिंग करने के साथ इन मशीनों को खोलकर भी उसमें छेड़छाड़ करने की चुनौती दे सकता है।

चुनाव आयोग इसके लिए एक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इससे पहले चुनाव आयोग की टीम सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगी और डेमो देकर उन्हें समझाएगी कि ईवीएम में फेरबदल करना संभव नहीं है।

राजनीतिक दल उठा रही ईवीएम पर सवाल

गौरतलब है, कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सहित अन्य दलों के नेता ने ईवीएम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने ईवीएम हैक मामले को लेकर राष्ट्रपति से भी मुलाकात की थी।

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केजरीवाल ने दी थी चुनौती

दूसरी ओर, केजरीवाल ने चुनाव आयोग को चुनौती दी है कि वह अपने अधिकारी की निगरानी में उन्हें ईवीएम दें, तो वे साबित कर देंगे कि छेड़छाड़ होती है। आए दिन लग रहे इन्हीं आरोपों और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ख़बरों से परेशान चुनाव आयोग ने यह आयोजन करने की ठानी है।

पहले भी हो चुका है ऐसा आयोजन

इससे पहले भी साल 2004 में चुनाव आयोग ने ऐसी ही एक कार्यशाला आयोजित की थी। उसमें भी कोई ईवीएम को हैक या टेंपर नहीं कर पाया था। लेकिन तब भी बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत कई दिग्गजों ने बुरी तरह चुनाव हारने के बाद ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे। चुनाव आयोग ने बताया कि 2009 में भी ईवीएम की विश्वसनियता पर सवाल उठाए जाने के बाद हमने खुला चैलेंज दिया था, लेकिन कोई इसे साबित नहीं कर सका।

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