नई दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 12,600 रुपये की धोखाधड़ी में विदेशी शाखाओं की संलिप्तता के सिलसिले में मॉरीशस ने वादा किया है कि वह धोखाधड़ी में शामिल लोगों व कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। मॉरीशस के वित्तीय सेवा आयोग (एफएससी) ने पीएनबी धोखाधड़ी से संबंधित मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए कहा कि वह इस मामले में लगातार अपने अंतर्राष्ट्रीय समकक्षों से सूचनाओं के आदान-प्रदान के समझौते के तहत संवाद बनाए हुए है।
एफएससी ने एक बयान में कहा, "एफएसी किसी अवैध, हानिकारक व धोखाधड़ी के कार्यो में लिप्त पाए जाने पर किसी भी कंपनी के अधिकारी व प्रबंधन के खिलाफ निमयन संबंधी जरूरी कार्रवाई करेगा ताकि इससे मारीशस की प्रतिष्ठा को धक्का न लगे।"
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पीएनबी घोटाले में बैंक कर्मियों ने आरोपियों के पक्ष में लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग जारी किया था, जिसका उन्होंने दुरुपयोग करते हुए बैंक के स्विफ्ट इलेक्ट्रॉनिक मैसेजिंग सिस्टम के माध्यम से विदेशों में पैसे भेजे थे।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार इस साल भारत में विदेशी निवेश के लिए मॉरीशस सबसे बड़ा स्रोत रहा है। इसके बाद अमेरिका और युनाइटेड किगडम का स्थान है।
मॉरीशस से भारत में 111 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आ चुका है, जोकि कुल एफडीआई का 30 फीसदी है।
इसी सिलसिले में कंपनियों द्वारा आय व पूंजी लाभ कर की चोरी रोकने के लिए भारत और मॉरीशस के बीच 2016 में दोहरा कर परिवर्जन समझौते (डीटीएए) में संशोधन किया गया था।