दुर्गेश पार्थसारथी
पंजाब: प्रदेश सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद पंजाब पुलिस सुधरने का नाम नहीं ले रही है। हर बार अपने काले कारनामों से खाकी पर कालिख पोतती रहती है। चाहे वह रिश्वत लेने का मामला हो या फिर नशा तस्करी से जुड़े होने का या फिर नशे में धुत होकर सड़क पर लुढ़कने का। हर वक्त पंजाब पुलिस चर्चा में बनी रहती है। अभी ताजा मामले के अनुसार पिछले दिनों पंजाब के सीमावर्ती जिला तरनतारन में एक किसान को हेराइन तस्करी के झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर 50 हजार की रिश्वत लेने वाले दरोगा के गनमैन को विजिलेंस ने रंगे हाथों पकड़ा था। इसके बाद जब मामले की जांच की गई तो जो सच सामने आया कि रिश्वत के मामले में पूरा थाना ही शामिल था।
यह तरनतारन जिले के थाना सदर पट्टी का है। मामले के अनुसार थाना पट्टी पुलिस ने पंजाब के ही जिला फिरोजपुर निवासी एक किसान हरपिंदर सिंह को अवैध हिरासत में ले रखा था। किसान को इस मामले से बाहर करने के एवज में संबंधित थाने की पुलिस ने किसान के भाई पलविंदर सिंह से एक लाख रुपये की मांग की। आखिरकार सौदा 50 हजार रुपये में तय हुआ। इस बीच इस मामले की जानकारी विजिलेंस विभाग को लगी।
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इसके बाद विजिलेंस टीम ने 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए एसएचओ के गनमैन बलविंदर को गिरफ्तार कर लिया। मामले की जांच के विभागीय अधिकारियों के आदेश पर थाना प्रभारी व तीन गनमैनों को तत्काल बर्खास्त कर दिया गया, जबकि होमगार्ड के जवानों पर कार्रवाई के लिए उनके कमांडेंट को लिखा गया है।
रिश्वत लेने के कई मामले चर्चा में
पंजाब में इस तरह का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले पुलिस कर्मियों के रिश्वत लेने के मामले आए दिन चर्चा में आते रहे हैं। यहां तक कि सौ रुपये के लिए पुलिसकर्मी आपस में भिड़ चुके हैं। सूबे के कुछ सीमावर्ती जिले ऐसे हैं जहां नशा तस्करी के मामले सामने आते रहते हैं। पिछले साल ही तरनतारन जिले में एक डीएसपी को रिश्वत लेकर हेरोइन तस्करी का केस कमजोर करने के आरोप में बर्खास्त करने के साथ ही उसे गिरफ्तार किया गया था। सबसे चर्चित मामला नशा तस्कर भोला का है जो इन दिनों जेल में हैं। भोला भी पंजाब पुलिस का डीएसपी था और खेल कोटे से पुलिस में आया था। इसके अलावा अमृतसर जिले में भी पिछले महीने एक बर्खास्त इंस्पेक्टर को पुलिस ने हेरोइन की खेप पहुंचाते हुए पकड़ा था।
यही नहीं इस माह मोगा जिले में एंटी नारकोटिक्स ड्रग्स सेल की पुलिस ने शहर के एक नशा तस्कर महिला को पांच किलो भुक्की के साथ पकड़ा था। इस दौरान पुलिस ने महिला के घर से सोने के जेवरात और करीब 2.50 लाख रुपये की नकदी भी ड्रग्स मनी के रूप में बरामद की थी, लेकिन इतने रुपये और गहनों को देखकर पुलिस की नीयत डोल गई। पुलिस ने सरकारी डायरी में महिला तस्कर से ड्रग्स मनी के तौर 1580 रुपये की बरामदगी दिखाई। पुलिस के उच्चाधिकारियों को जब शक हुआ तो उन्होंने मामले की जांच करवाई तो मामला उजागर हो गया। इसके बाद एसएसपी ने आरोपित पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर शेष रकम बरामद की।
पशु व्यापारी से उगाही
इसी तरह उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरपुर निवासी पशु व्यापारी कासिम अली ने संगरूर पुलिस पर उससे 20 हजार रुपये छीनने व विरोध करने पर मारपीट का आरोप लगाया है। पशु व्यापारी का कहना है कि वह एक ट्राले में पशुओं को लेकर जा रहा था। इस दौरान संगरूर पुलिस ने उसे नाके पर रोककर 20 हजार रुपये की मांग की जो उसने दे दिया। इसके बाद पुलिस ने और रुपये की मांग की और न देने पर उसका सिर ट्राले में दे मारा जिससे उसका सिर फट गया। पंजाब पुलिस की वर्दी नशा तस्करी से लेकर नशा करने व रिश्वत लेने के मामलों में हमेशा दागदार होती रही है। इसे रोकने में चाहे अकाली-भाजपा सरकार रही हो या फिर मौजूदा कांगे्रस सरकार, दोनों ही सरकारें नाकाम रही हैं।