देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने शुक्रवार को दावा किया कि उनके साथ 34 विधायक हैं और वे फ्लोर टेस्ट में सफल होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 10 मई को उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण के आदेश दिए हैं।
फ्लोर टेस्ट के आदेश के बाद हरीश रावत ने सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा किया और कहा कि न्याय की जीत हुई है।
बीजेपी नेता ने बढ़ाई परेशानी
रावत ने आरोप लगाया कि बीजेपी तोड़-फोड़ में माहिर है। बिना किसी का नाम लिए कहा कि बीजेपी का एक नेता बार-बार देहरादून आता रहा है। सारी परेशानी उस नेता के आने के बाद ही शुरू हुई। रावत ने कहा कि बीजेपी झूठ के आधार पर लोकतंत्र की हत्या करना चाहती थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा नहीं होने दिया ।
रावत जीत को लेकर आश्वस्त
समर्थक विधायकों की संख्या के आधार पर रावत जीत के लिए आश्वस्त हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के 9 बागी विधायकों को वोट देने का अधिकार नही दे हरीश रावत को बड़ी राहत दी है ।
जानें आंकड़े क्या इशारा कर रहे
-उत्तराखंड विधानसभा में कुल 71 सदस्य हैं। इसमें एक मनोनीत है जिसे वोटिंग का अधिकार नहीं होता।
-इस तरह विधानसभा का स्ट्रेंथ 62 विधायकों का है।
-हरीश रावत को जीत के लिए 32 वोट चाहिए होंगे।
-पूर्व में कांग्रेस के 36 विधायक थे जिसमें से 9 को कम करने के बाद संख्या 27 रह जाती है।
-बीजेपी के 28 विधायक थे जिसमें एक बागी है जिसकी सदस्यता स्पीकर ने दल विरोधी कानून के तहत खत्म नहीं की है।
-विधानसभा में दो बसपा, एक यूकेडी और तीन निर्दलीय सदस्य हैं।
रावत का दावा- 34 विधायकों का है समर्थन
हरीश रावत ने कहा कि बीजेपी के एक बागी और इन छह विधायकों का समर्थन उन्हें मिल रहा है। इसीलिए वे 34 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं।
गवर्नर करेंगे अधिसूचना जारी
-चूंकि प्रेसिडेंट रूल में फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकता इसलिए गवर्नर इसे हटाने की अधिसूचना जारी करेंगे।
-सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट के लिए 10 मई को 11 से 1 बजे तक का समय तय किया है।
-विधानसभा के प्रमुख सचिव शक्ति परीक्षण के समय पर्यवेक्षक होंगे ।
सूत्र बताते हैं कि शक्ति परीक्षण में जीत के बाद हरीश रावत गवर्नर से विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं। हालांकि राजनीतिक प्रेक्षक इसे गेम भी मानते हैं। प्रेक्षकों के अनुसार फ्लोर टेस्ट के लिए राजी होना केंद्र सरकार की मजबूरी है।