RSS ने भी NRC पर खड़े किए सवाल, मोदी सरकार से की ये बड़ी मांग
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के फाइनल लिस्ट पर सवाल खड़े किए हैं। आरएसएस ने कहा कि एनआरसी की फाइनल लिस्ट में कुछ गड़बड़ियां हैं और इन गड़बड़ियों को दूर करने के लिए मोदी सरकार आगे आए। संघ की तरफ से घुसपैठियों को बाहर करने की मांग की गई।
पुष्कर: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के फाइनल लिस्ट पर सवाल खड़े किए हैं। आरएसएस ने कहा कि एनआरसी की फाइनल लिस्ट में कुछ गड़बड़ियां हैं और इन गड़बड़ियों को दूर करने के लिए मोदी सरकार आगे आए। संघ की तरफ से घुसपैठियों को बाहर करने की मांग की गई।
राजस्थान के पुष्कर में सात से नौ सितंबर तक तीन दिनों तक चली समन्वय बैठक में आरएसएस ने यह बात कही है। इस बैठक में एनआरसी पर चर्चा हुई। इसके बारे में आरएसएस के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने जानकारी दी।
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दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि बैठक में एनआरसी को लेकर बहुत सारे सवाल खड़े हुए। उन्होंने कहा कि इस चर्चा में यह बात सामने आई है कि बहुत सारे घुसपैठिया एनआरसी में अपना नाम डलवाने में कामयाब हो गए हैं जो एक जटिल समस्या है। इसका समाधान निकाला जाना चाहिए। यहां पर लोगों ने इसको लेकर सवाल खड़े किए हैं।
उन्होंने कहा कि बैठक में कहा गया कि एनआरसी एक बहुत जटिल मुद्दा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की वजह से असम सरकार को इस बारे में सीमित समय में कार्य करना था। असम में बांग्लादेश से बड़ी तादाद में घुसपैठिए गए हैं।
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दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि असम में बांग्लादेश से बड़ी तादाद में घुसपैठिए गए ही नहीं बल्कि वह मतदाता सूची में आ गए हैं, आधार कार्ड में आ गए हैं। इसलिए एक तरीके से जटिल समस्या है।
उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में कुछ कमियां भी हो सकती हैं। उन कमियों को दूर करते हुए, आगे बढ़ना चाहिए। पर उन्होंने जो किया है, उसका स्वागत करते हैं।"
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संघ ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 के हटाए जाने पर कहा कि लंबे समय से हमारे कार्यकर्ता इसकी मांग कर रहे थे। वहां पर घाटी में संघ के कार्यकर्ता कड़ी मेहनत कर लद्दाख जैसे इलाकों में प्रखर राष्ट्रवाद को खड़ा किया था जिसका परिणाम है कि अनुच्छेद 370 हटाया जा सका है।