नई दिल्ली: बैंकों के कर्ज तले उद्योगपति विजय माल्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने माल्या के वकील से अगली सुनवाई में उनके हाजिर होने पर जोर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि माल्या 21 अप्रैल तक यह साफ़ करें कि वह कोर्ट में कब पेश होंगे। साथ ही कोर्ट ने माल्या को एक बड़ी रकम जमा करवाने का आदेश भी सुनाया है।
दरअसल, माल्या के वकील ने कोर्ट में एक याचिका दायर कर बैंकों का कर्ज चुकाने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा है। इसी याचिका पर हो रही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह आदेश सुनाया।
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माल्या से मांगा संपत्ति का ब्यौरा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि माल्या को अपनी देश-विदेश की संपत्ति का ब्यौरा देना होगा। 21 अप्रैल तक माल्या को सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि पत्नी और बच्चों की संपत्ति का ब्यौरा भी देना होगा। इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की तारीख तय की गई है।
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माल्या ने बैंकों के सामने रखा था यह ऑफर
बीते दिनों माल्या ने सितम्बर तक बैंकों को 4000 करोड़ देने का ऑफर दिया था। बैंकों ने कोर्ट में बताया कि बीते दो तारीख को बैंकों ने एक मीटिंग कर माल्या के इस ऑफर को खारिज करने का निर्णय लिया है।
माल्या पर है 9000 करोड़ का कर्ज
आपको बता दें कि माल्या और उनकी कंपनी किंग फिशर पर 17 बैंकों का 9000 करोड़ रुपए का कर्ज है। अकेले एसबीआई को ही कंपनी से 1,600 करोड़ रुपये से अधिक वसूलने हैं।