पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त कुरैशी को नहीं करने दिया मतदान, जानें बड़ी वजह
आम आदमी अगर जानकारी के अभाव में मतदान से वंचित रह जाता है, तो कोई बात नहीं लेकिन पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जैसे व्यक्ति चुनाव नियमों की जानकारी नहीं रखते तो इसे क्या कहा जाए?
नई दिल्ली। आम आदमी अगर जानकारी के अभाव में मतदान से वंचित रह जाता है, तो कोई बात नहीं लेकिन पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जैसे व्यक्ति चुनाव नियमों की जानकारी नहीं रखते तो इसे क्या कहा जाए? हालांकि लापरवाही का खामियाजा पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी को भुगतना पड़ा और मतदान करने से वंचित रह गए। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उनके पास सही पहचान पत्र नहीं था। बता दें कि इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) के चुनावों में वैध पहचान पत्र न होने के चलते पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी को मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई।
नहीं था वैध कार्ड
जानकारी के अनुसार एसवाई कुरैशी के पास मतदान के दौरान इंडिया इंटरनेशनल सेंटर की तरफ से जारी किया गया स्मार्ट आईडी कार्ड नहीं था, जिसके चलते उन्हें मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई। ज्ञात हो कि इंडिया इंटरनेशनल सेंटर का कार्ड खास लोगों के लिए जारी किया जाता है। बताते चलें कि इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के एक ट्रस्टी और एग्जीक्यूटिव कमेटी के दो सदस्यों के लिए कल मतदान चल रहा था। एक अखबार के रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने स्मार्ट आईडी कार्ड की जगह वैकल्पिक पहचान पत्र आधार कार्ड दिखाते हुए मतदान से पहले की औपचारिता को पूरी करने के लिए कहा। लेकिन आईआईसी के चुनाव अधिकारी ने संस्था की तरफ से जारी किए गए स्मार्ट आईडी कार्ड दिखाने की बात पर अड़ गए। वहीं आईआईसी प्रबंधन ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त के आरोपों को खारिज कर दिया है।
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इस मामले में आईआईसी के सचिव कंवल वली ने जानकारी देते हुए बताया है कि कोरोना वायरस महामारी के खतरों और कई सदस्यों के देश से बाहर होने की स्थिति में मतदान के लिए दो विकल्प दिए गए थे। इसके मुताबिक सदस्य अपने मताधिकार का प्रयोग इलेक्ट्रॉनिक या फिर फिजिकल माध्यम से कर सकता था। उन्होंने कहा कि 10-14 मार्च के बीच में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। ऐसे में जो सदस्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से मतदान नहीं कर पाए थे उन्हें 21 मार्च को फिजिकल माध्यम से मतदान करना था। उन्होंने बताया कि एसवाई कुरैशी को मेल के माध्यम से इस बात की जानकारी दी गई थी। लेकिन जब वह मतदान करने आए तो उनके पास आईआईसी का न तो स्मार्ट कॉर्ड था और ना ही सदस्यता का पुराना कार्ड।
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